Basti News: गांव की सरकारी भूमि का सर्वे करने पहुंची टीम का विरोध, सड़क के बदले वन विभाग को दी गई है जंगल की जमीन
बस्ती जिले के भानपुर तहसील स्थित अजगैवा जंगल में सड़क निर्माण के बदले वन विभाग को जमीन देने के सर्वे का ग्रामीणों ने विरोध किया। पीलीभीत-बहराइच मार्ग चौड़ीकरण में वन विभाग की जमीन आने से यह विवाद हुआ। पहले देवरा गंगा बरार की जमीन अस्वीकृत होने के बाद अजगैवा जंगल की जमीन का प्रस्ताव आया था।

जागरण संवाददाता, बस्ती। भानपुर तहसील के अजगैवा जंगल ग्राम पंचायत में बंजर भूमि का सर्वे करने पहुंची टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों के विरोध के चलते टीम बिना सर्वे किया वापस लौट गई।
सोमवार को दोपहर बाद वन विभाग के सर्वेयर शक्ति मिश्र, दीपक सोनी, वन दारोगा संजय सिंह व लोक निर्माण विभाग अवर अभियन्ता सुनील दत्त अजगैवा जंगल गांव में पहुंचे। टीम बजंर भूमि को देखने प्लाट पर पहुंची तो इसकी जानकारी ग्रामीणों को हुई।
तत्काल बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच कर विरोध करने लगे। इसे पीलीभीत बहराइच मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। चौड़ीकरण में वन विभाग की भूमि आने पर वन विभाग ने सडक निर्माण को रोक दिया। यह मांग किया जितनी भूमि लोक निर्माण विभाग का उपयोग करेगी बदले में उतनी भूमि वन विभाग को देना होगा।
इस नियम के तहत बस्ती जनपद के सदर तहसील क्षेत्र के देवरा गंगा बरार गांव की बंजर भूमि चिह्नित कर वन विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेजा। वन विभाग ने जांच किया जिसमें यह पता चला कि उक्त भूमि नदी के किनारे व कटान क्षेत्र है।
वानिकी के लिए उपयुक्त न होने से इन्कार कर जिलाधिकारी बस्ती से भानपुर तहसील के अजगैवा जंगल से बंजर भूमि उपलब्ध कराने की मांग की है। उसी क्रम में टीम आज वन विभाग व लोक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची थी। गांव के रामकेश यादव, हरीश, कन्हैया यादव, अनिल कुमार, इसरार अली, रबीन्द्र यादव, धर्मेंद्र, रामजी, तिलकराम, अजय यादव, गिरजेश मौर्य सहित दर्जनों की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने सर्वे करने से रोक दिया।
बताया कि कमिश्नर और जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जा चुका है। विवाद की सूचना पर देर शाम डीएफओ डा. सरीन सिद्दीकी, रेंजर सोनल वर्मा के साथ मौके पर पहुंची। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से विभाग को भूमि चिन्हित करने के साथ अन्य प्रक्रियाएं पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
साथ ही स्थानीय स्तर पर मौजूद कर्मचारियों को भूमि चिन्हित कर पोल लगाने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि यदि ग्रामीणों को किसी बात को लेकर आपत्ति है तो वह जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों से मिलकर अपनी बात रख सकते हैं।
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