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    Basti News: मृतक आश्रित कोटे से नौकरी कर रही वरिष्ठ सहायक 25 साल बाद बर्खास्त, पिता की मौत के बाद मिली थी नियुक्ति

    Updated: Tue, 22 Jul 2025 04:26 PM (IST)

    बस्ती में मृतक आश्रित के रूप में कृषि विभाग में कार्यरत शचि वर्मा को 25 साल बाद बर्खास्त कर दिया गया। उनके पिता की मृत्यु के बाद उन्हें नौकरी मिली थी लेकिन जांच में उनकी नियुक्ति मृतक आश्रित नियमावली के विपरीत पाई गई। शिकायत के बाद हुई जांच में अनियमितता सामने आई जिसके चलते यह कार्रवाई की गई।

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    मृतक आश्रित कोटे से नौकरी कर रही वरिष्ठ सहायक बर्खास्त

    जागरण संवाददाता, बस्ती। मृतक आश्रित के रूप में उप कृषि निदेशक कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक शचि वर्मा को सोमवार को बर्खास्त कर दिया गया। वह 25 सालों से कृषि विभाग में तैनात थीं। उन्हें उनके पिता सत्येंद्र नाथ वर्मा की मृत्यु के बाद विभाग में मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति मिली थी।

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    शचि वर्मा के पिता सत्येंद्र जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में वरिष्ठ सहायक पद पर तैनात थे। उनकी आकस्मिक मृत्यु जुलाई 1997 में हो गई थी। 

    इसके बाद उनकी माता राधा वर्मा ने अपने पुत्र नवीन कुमार वर्मा को विभाग में अवर अभियंता पद पर नियुक्त करने का प्रार्थना पत्र जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत किया, लेकिन कृषि निदेशालय ने कहा कि नवीन की नियुक्ति अवर अभियंता पद पर संभव नहीं है। 

    इसके बाद शचि की माता राधा वर्मा, भाई नवीन और बहन ऋतु वर्मा ने अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया। जिसके आधार पर 29 अप्रैल 1999 को उप कृषि निदेशक ने शचि वर्मा को कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्ति प्रदान किया। 

    आरोप है कि उनके पिता की मृत्यु के समय उनकी माता राधा वर्मा स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत थीं। नियमानुसार यदि माता-पिता दोनों सरकारी सेवा में हों और सेवा के दौरान किसी एक की मृत्यु हो जाती है तो उनके आश्रित नौकरी के हकदार नहीं हो सकते हैं। 

    मामले की शिकायत गदहाखोर निवासी राज कुमार उर्फ पंडित ने की थी, जिसकी प्राथमिक जांच संयुक्त कृषि निदेशक (प्रसार शिक्षा एवं प्रशिक्षण ब्यूरो) ने की थी। 

    उप कृषि निदेशक अशोक कुमार गौतम ने अपने 6 पेज के आदेश में लिखा है कि शचि द्वारा अपने बचाव में प्रस्तुत तथ्यों का अभिलेखीय आधार पर विश्लेषण करने पर निष्कर्ष में उनकी नियुक्ति मृतक आश्रित नियमावली 1974, 1994 व 1999 के विपरीत पाई गई है। 

    निदेशालय स्तर से कराई गई प्रारंभिक जांच औपचारिक जांचों से भी स्पष्ट है कि उनकी नियुक्ति अनियमित है। परिणामस्वरूप शचि की नियुक्ति बरकरार रखना विधिसम्मत प्रतीत नहीं होता है। 

    जांच के पश्चात भी यदि इनकी नियुक्ति को यथावत बनाए रखा जाता है तो यह एक नजीर बनेगी एवं भविष्य में विभाग के आर्थिक हित को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में उनकी सेवाएं तात्कालिक रूप से समाप्त की जाती है।

    जांच के बाद उप कृषि निदेशक कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक शचि वर्मा को बर्खास्त कर दिया गया है। जांच में उनकी नियुक्ति अनियमित मिली है।

    -आरबी राम, संयुक्त निदेशक कृषि