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    लाभार्थी को पता नहीं, उसके नाम पर निकल गया MGNREGA का धन; प्रधान पर फर्जीवाड़ा का बड़ा आरोप

    बस्ती जिले के कुदरहा ब्लॉक के बगही ग्राम पंचायत में प्रधान पर सरकारी धन के गबन का आरोप है। ग्रामीणों के अनुसार प्रधान ने पशुचरन और बकरी शेड निर्माण के नाम पर फर्जीवाड़ा किया और मृतकों के नाम पर मनरेगा की मजदूरी निकाल ली। जाब कार्ड में हेराफेरी कर धन हड़पा गया। ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज कराई है और खंड विकास अधिकारी ने जांच के लिए टीम गठित की है।

    By Sanjay Vishwakarma Edited By: Sakshi Gupta Updated: Tue, 26 Aug 2025 04:40 PM (IST)
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    लाभार्थी को पता नहीं, नाम पर निकल गया मनरेगा का धन।

    जागरण संवाददाता, बस्ती। कुदरहा ब्लाक के बगही ग्राम पंचायत के लोगों को पता ही नहीं और प्रधान ने उनके नाम पर सरकारी धन निकाल लिया है। किसी के नाम पशु चरन का निर्माण दिखा कर तो किसी के नाम का बकरी शेड का धन निकाल लिया गया है।

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    तना ही नहीं यहां 10 वर्ष पहले स्वर्ग सिधार चुके लोगों से भी मनरेगा की मजदूरी करा ली गई है। जाब कार्ड पर प्रधान द्वारा अपने करीबियों का खाता दर्ज कर बड़े पैमाने पर सरकारी धन का गोलमाल किया गया है। इस खेल में ब्लाक के तत्कालीन मनरेगा कंप्यूटर आपरेटर का भी हाथ है।

    गांव के श्रवण कुमार,मोल्हू व नागेंद्र कुमार सहित अन्य लोगों ने ब्लाक व जिले के अधिकारियों से साक्ष्य सहित प्रधान की शिकायत की है। पत्र में लिखा है कि वर्ष 2020-21 में मोल्हू के नाम से पशुचरन निर्माण का 62695 रुपया निकाल लिया गया है, जबकि लाभार्थी को न इसकी जानकारी दी गई और न ही कोई निर्माण कराया गया है।

    गांव के सुमन व जुम्मन के नाम पर भी बकरी शेड का निर्माण दिखाया गया है। लेकिन बिना कोई निर्माण कराए ही क्रमश: 1,09,910 व 1,08,317 रुपये की निकासी कर ली गई है। ग्रामीणों को उनके नाम पर योजनाओं का धन हड़पने की जानकारी तब हुई जब उन्हें जन सूचना अधिकार के तहत संबंधित जानकारी मिली।

    इतना ही नहीं ग्राम पंचायत के कई लोगों के नाम फर्जी जाब कार्ड जारी कराकर प्रधान द्वारा उस पर अपने करीबियों का बैंक खाता दर्ज करा कर मनरेगा योजना का धन हड़पा गया है। गांव के नागेंद्र कुमार को पता ही नहीं है और उनके नाम जाब कार्ड बन गया।

    वर्ष 2020-21 में 64 दिन उपस्थिति लगी है और 13,056 रुपये मजदूरी का भुगतान हुआ है। लेकिन यह धन उनके जाब कार्ड पर दर्जकर दूसरे के खाते में भेजा गया है। इतना ही नहीं 10 वर्ष पहले स्वर्ग सिधार चुके गांव के दु:खी और सुग्रीम के नाम भी जाब कार्ड बना दिया गया है।

    वर्ष 2024 तक इनकी आनलाइन उपस्थिति भी मरेगा पोर्टल पर भरी गई है। इनके मजदूरी का भुगतान अन्य के खाते में हुआ है। शिकायत कर्ताओं का कहना है कि ब्लाक के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिली भगत से ग्राम प्रधान ने यह फर्जीवाड़ा किया है।

    आरोप है कि ब्लाक का तत्कालीन मनरेगा कंप्यूटर आपरेटर फर्जी जाबकार्ड बनाने का मास्टर था। उसने कई ग्राम पंचायतों में फर्जी जाब कार्ड बनाकर दूसरे का खाता फीड किया है। कड़सरी मिश्र में बड़े पैमाने पर उसकी करतूत जांच में पकड़े जाने के बाद उसे ब्लाक से हटा दिया गया था।

    खंड विकास अधिकारी कुदरहा आलोक कुमार पंकज ने बताया कि शिकायत मिली है। जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।