..तो जिले में घूम रहे महज 697 निराश्रित गोवंशीय पशु
निराश्रित गोवंशीय पशु को लेकर खड़े हो रहे सवाल पिछले साल की रिपोर्ट में यह संख्या 20 हजार से अधिक थी

जागरण संवाददाता, बस्ती : पशु पालन विभाग बस्ती अपनी रिपोर्ट को लेकर अक्सर चर्चा में रहता है। कई बार जिलाधिकारी की ओर से रिपोर्ट को लेकर विभाग को खरी खोटी भी सुनाई जा चुकी है, मगर विभाग है कि आंकड़ों की बाजीगरी में लगा रहता है। पिछले माह की रिपोर्ट में विभाग ने जिले में महज 697 निराश्रित गोवंशीय पशु बाहर घूमते हुए दिखाया है। यह आंकड़ा किसी को हजम नहीं हो रहा है। इसे लेकर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं।
पशुपालन विभाग की ओर से दिसंबर 2020 की रिपोर्ट में निराश्रित गोवंशीय पशु की कुल संख्या 25520 बताई गई थी। इनमें से गोआश्रय स्थलों, गोशाला आदि में 3546 को संरक्षित किया गया था। इसके बाद शेष निराश्रित गोवंशीय पशुओं की संख्या 21983 बची थी।
जनवरी 2021 में निराश्रित गोवंशीय पशुओं की संख्या 25529 बताई गई। इनमें से 4311 गोवंशीय को संरक्षित करने की रिपोर्ट दी गई। शेष की संख्या 21218 बताई गई। इसके बाद अचानक जून 2021 की रिपोर्ट में निराश्रित गोवंशीय पशुओं की संख्या 21218 से घटकर महज 5233 रह गई। इस माह तक संरक्षित गोवंशीय की संख्या 4413 बताई गई। शेष निराश्रित गोवंशीय के बारे में बताया गया कि अब 820 ही हैं जो इधर उधर घूम रहे हैं। दिसंबर 2021 की रिपोर्ट में विभाग ने बाहर घूम रहे निराश्रित गोवंशीय की संख्या महज 697 बताई है। जबकि 3956 पशु संरक्षित बताए गए। इस प्रकार आंकड़ों खेल में लगातार निराश्रित गोवंशीय गायब होते रहे। ऐसे में रिपोर्ट को लेकर सवाल उठना लाजिमी है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि एक साल पहले बाहर घूम रहे निराश्रित गोवंशीय पशुओं की संख्या लगभग 21 हजार थी तो साल भर के अंदर इनकी संख्या महज 697 ही कैसे रह गई।
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दिसंबर 2021 में दी गई विभागीय रिपोर्ट
कुल संरक्षित गोवंश की संख्या.... 3956
मृत निराश्रित गोवंशीय की संख्या....580
कुल निराश्रित गोवंशीय की संख्या....4536
अवशेष जो बाहर घूम रहे हैं........697
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यह सही है कि साल भर पहले निराश्रित गोवंशीय पशुओं की संख्या 25 हजार से अधिक थी, मगर बाद में जिलाधिकारी की ओर से सर्वे कराने के बाद यह संख्या लगभग पांच हजार ही निकली। पहले के सर्वे में कुछ गड़बड़ी थी।
डा. ए.के. तिवारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी
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