बस्ती में बिरयानी की दुकान पर हुए बवाल की उच्चस्तरीय जांच शुरू, रेट को लेकर हुआ था विवाद
उत्तर प्रदेश के बस्ती में बिरयानी की दुकान पर इस्लामिक झंडा उतारने को लेकर हुए विवाद की उच्चस्तरीय जांच शुरू हो गई है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सर् ...और पढ़ें

जांच में सामने आई भंडारे के नाम पर वर्दीधारियों से भी चंदा वसूली की बात
जागरण संवाददाता, बस्ती। बिरयानी की दुकान पर इस्लामिक झंडा उतारने को लेकर मंगलवार रात हुए उपद्रव और मारपीट के मामले में पुलिस प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश की जा रही उच्चस्तरीय जांच सर्किल अफसर ने घटनास्थल का मुआयना किया और कई लोगों के बयान दर्ज किए गए।
मालूम हो कि मंगलवार देर रात अयोध्या फोरलेन पर छावनी के निकट बिरयानी की दुकान पर लगे इस्लामिक झंडा उतारने की बात को लेकर कहासुनी ने हिंसक रूप ले लिया था, जिसमें दुकान के कर्मचारियों और हिन्दू वादी संगठन के पदाधिकारियों ने बवाल कर दिया था, जिसके बाद भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा था।
स्थानीय पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बिरयानी दुकान के मालिक शैलेश यादव व संचालक रफीक समेत तीन को पहले हिरासत में लिया, फिर प्रवीण तोगड़िया के संगठन राष्ट्रीय बजरंग दल के जिलाध्यक्ष की तहरीर पर दुकान संचालक समेत सौ लोगों के खिलाफ मारपीट और शांति भंग करने की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि हिन्दू संगठन के नेताओं ने घटना के दो दिन पहले उसी दुकान पर बिरयानी खाई थी। ज्यादा दाम लेने की बात को लेकर देख लेने की धमकी दी गई थी। जांच में पाया गया कि प्रवीण तोगड़िया के संगठन राष्ट्रीय बजरंग दल से जुड़े व एक अन्य हिन्दू संगठन के पदाधिकारियों से घटना से दो दिन पहले रविवार को पैसे के लेनदेन को लेकर बिरयानी की दुकान चलाने वाले से नोकझोंक हुआ था। जांच में यह भी मामला सामने आया है कि भंडारे के नाम पर खाकी वालों से चंदा भी वसूल किया गया है।
जांच के प्रारंभिक चरण में यह सामने आया है कि यह विवाद अचानक उपजा नहीं था, बल्कि इसके पीछे पूर्व में की गई प्लानिंग पाई गई है। घटना से दो दिन पहले बिरयानी के दाम को लेकर विवाद पाया गया है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सभी पहलुओं पर जांच पड़ताल चल रही है। कानून को हाथ में लेने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सार्वजनिक स्थान पर हिंसा फैलाना अक्षम्य है। जो भी साक्ष्य मिलेंगे, उसके आधार पर आगे कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।- स्वर्णिमा सिंह, सीओ हर्रैया, बस्ती

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