इस स्कूल में फूलों की बगिया से महक रही प्रेरणा की खुशबू, बाल व पोषण वाटिका में लगे हैं 195 प्रजाति के पौधे
बस्ती जिले का एक ऐसा स्कूल जहां परिसर में 195 प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं। ये पौधे न सिर्फ विद्यार्थियों के लिए बल्कि शिक्षकों व अभिभावकों के लिए भी प ...और पढ़ें

बस्ती, संजय विश्वकर्मा। सदर विकास खंड के कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय परसा जागीर की ऊसर भूमि आज हरी भरी हो गई है। इस ज्ञान के मंदिर में फूलों व फलों की बगिया से प्रेरणा की खुशबू महक रही है। इससे बच्चों के साथ शिक्षकों और अभिभावकों को पर्यावरण सुरक्षा की प्रेरणा भी मिल रही है। विद्यालय परिसर की चहारदीवारी के अंदर बाल वाटिका के साथ ही पोषण वाटिका भी है। इनमें औषधीय, फलदार, छायादार और पुष्प के पौधे शामिल है।
बाल वाटिका में लगे पुष्पीय व सजावटी पौधों में चमेली, चांदनी, क्रोटन, बोगन विलिया, डेसिना, छोटी चांदनी, डहेलिया, गुलदावदी, कोचिया, गुलाचीन, चंपा, बेला, गंधराज, यूरेका पाम, साइकस पाम, वाटल ब्रश, विभिन्न प्रकार के गुड़हल, कनेर, सिस्टल पाम, चाइना पाम, एक्जोरा, फोनिक्स पाम, यूरेका पाम, स्वर्ण चंपा, मनोकामनी, लिली, महोगनी, फाइकस, गुलमाश, मोरपंखी, सिल्वर प्लांट, लाल तिकोमा, सुपारी पाम, गेंदा, मिनी गोल्ड मोहर, पेंडुला, परसियन सिल्क टी आदि के पौधे शामिल हैं।
संकल्प से मिली सफलता
2005 में कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय परसा जागीर प्रभारी प्रधानाध्यापक डा. शिवप्रसाद ने विद्यालय के ऊसर भूमि को उपजाऊ बनाकर परिसर को हरा भरा रखने के लिए जो संकल्प लिया, आज वो पूरा होते दिख रहा है। बताया कि पहले खुद स्कूल यहां पौधे लगाना शुरू किया। रंग बिरंगे फूल के पौधे लोगों को आकर्षित करने लगे तो प्रधान राममूरत के अलावा अन्य लोग भी उनके इस अभियान से जुड़ गए। विद्यालय की चहारदीवारी बनते ही परिसर जब सुरक्षित हो गया तो यहां हर वर्ष स्कूल के शिक्षक और बच्चों द्वारा पौधारोपण किया जाने लगा। यहां तक कि लगभग 50 अधिकारियों ने भी विभिन्न प्रजाति के पौधे लगाए हैं। यहां सभी पौधों की नियमित देखभाल की जाती है। समय से उनमें पानी दिया जाता है, साथ ही जरूरत के अनुसार जैविक खाद का भी प्रयोग किया जाता है।
बाल वाटिका में दुलर्भ औषधीय पौधा कल्पवृक्ष भी मौजूद
बाल वाटिका में आयुर्वेद की दृष्टि से दुर्लभ औषधीय पौधा कल्पवृक्ष के अलावा आंवला, नीम, बेल, कपूर, जामुन, गूलर, एलोवेरा, पथरचट्ट, सेमर, तुलसी, चिरैता, तेज पत्ता, मीठा नीम, सेवड़ा, सतावर, तुलसी, पुदीना, अश्वगंधा, मेहंदी, गुलाब, अजूबा, छुईमुई, अपराजिता बैलाडोना, लेमनग्रास, चंदन, हल्दी सहित अन्य पौधे लगाए गए हैं। वहीं छायादार पौधों में पीपल बरगद, चितवन, अशोक, गोल्ड मोहर, मौलश्री आदि के पौधे बाल वाटिका में मौजूद हैं।
पोषण वाटिका में सेब, काजू व रुद्राक्ष के पौधे
कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय परसा जागीर की ऊसर भूमि में स्थापित पोषण वाटिका में काजू, सेब और रुद्राक्ष, नारियल जैसे पौधे मौजूद हैं। इसके अलावा अनार, लीची, अमरूद, आंवला, नींबू के पौधे हैं। इनमें नींबू की मशहूर बेरायटी हजारा का पौधा भी शामिल है जिसमें काफी छोटे-छोटे फल लगते हैं। वाटिका में अमरूद की तीन प्रजाति के पौधे लगे हैं। इनमें फल भी आ चुके हैं। सेब व लीची के पौधे छोटे हैं। वाटिका के पौधे हर किसी को आकर्षित करते हैं।

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