यूपी के इस जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों के 77 भवन बनकर तैयार, अब सिर्फ लोकार्पण का इंतजार
बस्ती जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों के 77 भवन बनकर तैयार हैं और लोकार्पण का इंतजार है। सरकार ने 2023-24 में 219 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण को मंजूरी दी थी, जिसके लिए 26 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। धनराशि मिलने में देरी और अन्य कारणों से निर्माण कार्य में विलंब हुआ। अब इन भवनों का लोकार्पण जल्द होने की उम्मीद है।

जागरण संवाददाता, बस्ती। आंगनबाड़ी केंद्र खुद के भवनों में संचालित हों इसके लिए सरकार ने 2023-24 में 219 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की थी। इसके लिए 26 करोड़ रुपये से अधिक स्वीकृत किए गए। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को कार्यदाई संस्था नामित किया गया।
एक भवन निर्माण पर मनरेगा से आठ लाख तो पंचायती राज विभाग व बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से दो-दो लाख रुपये खर्च किए जाने हैं। बीच बीच में व्यवधान पड़ने के कारण इनका निर्माण समय से पूरा नहीं हो सका। इस समय 77 आंगनबाड़ी भवन बनकर पूरी तरह तैयार हैं। अब इनके लोकार्पण का इंतजार है।
तत्कालीन जिलाधिकारी अन्द्रा वामसी ने उपायुक्त श्रम एवं रोजगार संजय शर्मा के साथ 24 नवंबर 2023 को सदर विकास खंड के साेनूपार ग्राम पंचायत में आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन किया था। इसके बाद लगा कि जल्द ही यह भवन तैयार होकर बाल विकास एवं पुष्टाहार को हस्तांतरित हो जाएंगे,मगर ऐसा न हो सका।
बताया गया कि कार्यदायी संस्था ग्रामीण अभियंत्रण विभाग आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण कराने के लिए मार्च 2024 में धनराशि अवमुक्त हुई। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। जुलाई में फिर कार्य शुरू हुआ है, मगर पंचायती राज विभाग की ओर से जो धनराशि उपलब्ध करानी थी, उन्होंने समय से धन उपलब्ध नहीं कराया। ऐसे में निर्माण कार्य प्रभावित होता गया।
ब्लाकवार बनने वाले आंगनबाड़ी केंद्र
- बहादुरपुर- 29
- बनकटी- 07
- दुबौलिया- 12
- गौर -06
- हर्रैया -17
- कप्तानगंज -12
- कुदरहा- 17
- परशुरामपुर -28
- रामनगर -09
- रुधौली -06
- बस्ती सदर -33
- सल्टौआ -26
- साऊंघाट -13
- विक्रमजोत -04
निर्माण कार्य के लिए समय से धनराशि नहीं मिली, जिसके चलते निर्माण कार्य में बिलंब हुआ। अब तक 77 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण हो चुका है। जल्द ही इनका लोकार्पण करा कर इन्हें विभाग को हस्तगत कर दिया जाएगा। अन्य भवनों के निर्माण भी तेजी से कराए जा रहे हैं।
अंकुर वर्मा, अधिशासी अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग

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