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    झोपड़ी व खपरैल के मकान में रहने को कई परिवार मजबूर

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 14 Dec 2020 10:59 PM (IST)

    हसनगढ़ गांव में तकरीबन तीन सौ में से सौ परिवार आवास के लिए हैं पात्र

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    झोपड़ी व खपरैल के मकान में रहने को कई परिवार मजबूर

    जागरण संवाददाता, करमहिया, भानपुर, बस्ती: सरकार की ओर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के साथ ही मुख्यमंत्री आवास योजना संचालित कर हर जरूरतमंद के सिर पर छत उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं आज भी गांवों में कई परिवार ऐसे हैं जो पात्र होने के बाद भी आवास की सुविधा से वंचित हैं। उनके सामने आज भी छप्पर और खपरैल के मकान में रहने की मजबूरी है।

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    विकास खंड रामनगर के ग्राम पंचायत पिरैला नरहरिया के राजस्व गांव हसनगढ़ में तकरीबन तीन सौ परिवार रहते हैं। इनमें सौ के करीब ऐसे परिवार हैं जो पात्र होने के बाद भी सरकारी योजनाओं के तहत पक्का मकान नहीं पा सके। यह अभी भी फूस की झोपड़ी, खपरैल के मकान एवं टीन शेड में रहने को विवश हैं। मोहम्मद आलमीन, नूरुलऐन, हमीद, रौआब, करमहुसैन, इब्राहिम, मेराज, नियाज, मोहम्मद अहमद, दिव्यांग, अजमेर अली, कमरुद्दीन, फहीम अहमद, नफीस, मुकीम, समद, इसराइल, ईदुल, मोहम्मद कासिम, तलीकुन्निशा आदि को अब तक सरकारी आवास की सुविधा नहीं मिल सकी। ग्रामीणों ने बताया कि पात्र होने के बाद भी उन्हें आवास नहीं दिया गया, जबकि कई अपात्रों को योजना का लाभ दिया गया है। इस बात की जांच होनी चाहिए।

    खंड विकास अधिकारी मंजू त्रिवेदी ने बताया कि आवास प्लस योजना में जिन पात्रों का नाम शामिल है, उन्हें आवास मिलेगा। जिनका नाम नहीं है, उनका नाम सूची में शामिल कराया जाएगा। 15 साल में भी नहीं पूरा हुआ आवास का सपना

    जासं दसिया,बस्ती : जिम्मेदारों के पक्षपातपूर्ण रवैये के चलते जरूरतमंदों को आवास का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पात्र होने के बाद भी ऐसे लोगों को फूस की झोपड़ी में गुजर बसर करना पड़ रहा है।

    सल्टौआ गोपालपुर के केउवां जप्ती गांव में कई ऐसे परिवार हैं जो पिछले 15 साल से आवास का इंतजार कर रहे हैं। गांव की गीता पत्नी रमेश कुमार, हरीश पुत्र पल्टू, सीता पत्नी गोमती, बसंती पत्नी पलटू को अब तक आवास नहीं मिल पाया है। वहीं नाजमा खातून पत्नी मोहब्बत अली, तैय्यबा खातून पत्नी अरशद अली, हशीदुन्निशा पत्नी अब्दुल कादिर, बादशाह पुत्र अकरम अली, रणजीत पुत्र रामदास भी आवासहीन हैं। ये सभी लोग छप्पर व टीन शेड डालकर रह रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि भेदभाव के चलते उन्हें आवास नहीं मिल पा रहा है, जबकि कई अपात्रों को योजना का लाभ दे दिया गया है। ग्राम प्रधान विनोद कुमार ने बताया कि हमारे यहाँ 37 आवास का लक्ष्य है। 18 आवास स्वीकृत हैं, जबकि 10 लाभार्थियों के बैंक खातों में पहली किस्त भेजी जा चुकी है। शेष लोगों को अगली बार आवास मिलेगा।