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    अहिल्या उद्धार की कथा सुन श्रद्धालु भावविभोर

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    Updated: Fri, 21 Nov 2014 10:44 PM (IST)

    बस्ती : जब राम लक्ष्मण गुरु के साथ मिथिला के राजा जनक के यहां धनुष यज्ञ में शामिल होने जा रहे थे तो

    बस्ती : जब राम लक्ष्मण गुरु के साथ मिथिला के राजा जनक के यहां धनुष यज्ञ में शामिल होने जा रहे थे तो उन्हें रास्ते में एक आश्रम मिला। जहां एक विशाल पत्थर का टुकड़ा पड़ा था। राम ने जब गुरु विश्वामित्र से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि यह गौतम ऋषि का विश्रामालय है, यह जो पत्थर देख रहे हो उनकी पत्‍‌नी अहिल्या है जो श्राप बस पत्थर हो गई है। तब राम ने अहिल्या को तारना चाहा किंतु सूर्य वंश में स्त्री को पैर से छूना मना था। राम की यह दुविधा देख पवन देव ने अपने झोकों से प्रभु के चरणों की धूल पत्थर पर डाल दिया। चरण रज पाते ही पत्थर नारी हो गई। अहिल्या को प्रगट होते ही वहां ब्रह्मा, शंकर सहित अनेक देव गण पहुंच गए और भगवान राम का जयघोष करने लगे।

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    उक्त बाते आयोध्या धाम से पधारे डा राघवेश दास वेदांती ने गौर क्षेत्र के अगया पावन साई धाम मंदिर पर चल रहे श्री राम दिव्य कथा महोत्सव में कही। इस कथा को सुन श्रद्धालु भावविभोर हो गये।

    राजेश, राम अजोर पाण्डेय, रिंकू सिंह, राम जनम सिंह, कृपा शंकर, राजन, शिवबली, राम भजन, पटेश्वरी, राम प्रकाश सहित तमाम श्रद्धालु मौजूद रहे।

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