Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फल विक्रेता ने रेल राज्यमंत्री को दी थी मात

    By Edited By:
    Updated: Wed, 02 Apr 2014 10:31 PM (IST)

    नीरज श्रीवास्तव, बस्ती : लोकसभा चुनावों के दौरान संसदीय क्षेत्र कई खट्टे-मीठे अनुभवों से गुजरा है। वर्ष 1980 में हुआ लोकसभा चुनाव एक ऐसा ही चुनाव था, बस्ती सीट से एक ओर रेल राज्यमंत्री शिव नरायन जनता पार्टी के टिकट से खडे़ थे तो दूसरी ओर इंडियन नेशनल कांग्रेस ने फल बेचने वाले कल्पनाथ सोनकर को मैदान में उतारा था। परिणाम आया तो चौंकाने वाला था। कल्पनाथ जीते और शिव नरायन हार गए। चुनाव के बाद कल्पनाथ सोनकर संसद पहुंच गए। वह संजय गांधी की पसंद थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कल्पनाथ सोनकर को राजनीति का एबीसीडी भी नहीं मालूम था। समाज में समस्याओं को लेकर अपनी आवाज बुलंद करने वाले कल्पनाथ सोनकर को आरक्षित लोकसभा सीट पर वर्ष 1980 में इंडियन नेशनल कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित किया। इस चुनाव ने उन्हें संसद तक पहुंचा दिया। इसके बाद कभी भी उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कल्पनाथ को संजय गांधी का कुनबा अपने परिवार जैसा मानने लगा। कल्पनाथ ने 1989 में भी इस सीट पर विजय दर्ज की। इसके बाद वे राजनीति में मेनका गांधी की पार्टी के लिए संघर्ष करते रहे। उनकी इस विरासत को उनके पुत्र रवि सोनकर संभाले हुए हैं। धन व बाहुबल को कल्पनाथ सोनकर ने कभी तरजीह नहीं दी। अति गरीब तबके से जुड़े होने के नाते वह हमेशा गरीबों की लड़ाई लड़े।