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    याद किए गए महुआ डाबर के शहीद, नमन

    By Edited By:
    Updated: Wed, 03 Jul 2013 10:27 PM (IST)

    - 10 जून को छह अंग्रेज फौजियों को सेनानियों ने उतार दिया था मौत के घाट

    - 3 जुलाई 1857 को विलियम पेपे ने जलवा दिया था पूरा गांव

    जागरण संवाददाता, बस्ती : प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 में महुआ डाबर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। यहां के लोगों ने 10 जून 1857 को छह अंग्रेज फौजियों को मार दिया। इससे खार खाए अंग्रेज शासक विलियम पेपे ने 3 जुलाई को 12 वीं घोड़सवार फौज की मदद से गांव को जला कर नेस्तानाबूद कर दिया। उन वीरों की याद में बुधवार को मिशन आफ महुआ डाबर सोसायटी के तत्वावधान में उक्त गांव में शहीदों को नमन कर कार्यक्रम आयोजित किया गया।

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    कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मोहम्मद लतीफ अंसारी ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महुआ डाबर की शहादत को याद करते हुए कहा कि यह वीरों की भूमि है। अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए पूरा गांव एकजुट था, छह अंग्रेज फौजियों को मारा तो बदले में उस समय के डिप्टी मजिस्ट्रेट विलियम पेपे ने पूरा गांव जलवा दिया। उसके बाद पांच क्रांतिकारियों को गिरफ्तार किया। इसमें भैरोपुर गांव के गुलाम खान को उनके गांव से तथा गुलजार खान पठान, नेहाल खान पठान, घीसा खान पठान व बदलू खान पठान को महुआ डाबर से गिरफ्तार किया। इन पांचों क्रांतिकारियों को पांच फौजी आफिसर्स मारने व गांव को अंग्रेजों के खिलाफ भड़काने का आरोप लगाते हुए 18 फरवरी 1958 को फांसी दे दी गई। उन्होंने बताया कि रुदा खान जो चौकीदार थे। उन्होंने भी अंग्रेजों को अपनी नौकरी व जिंदगी दांव पर लगाकर खूब छकाया। कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया गया। इस अवसर पर जमाल अहमद खान, मुहम्मद सवाले, मोहिदिन, मोहम्मद अयूब, फैज मुहम्मद, लालजी शुक्ल, शाकिर अली सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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