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    बारिश की बूंदों को सुरक्षित करने के लिए बरेली के गांव की महिलाओं ने खोद दिया तालाब, जानें महिलाओं के ऐसा कदम उठाने के पीछे का कारण

    By Samanvay PandeyEdited By:
    Updated: Wed, 14 Apr 2021 07:42 AM (IST)

    घर के कामकाज में व्यस्त रहने वाली महिलाएं अब जल संचयन और बारिश की पानी की बूंदों को सहेजने में जुटी हैं। जिले की तहसील नवाबगंज के गांव गरेम की महिलाओं ...और पढ़ें

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    स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को तालाब संवारने के जरिए उपलब्ध हो रहा रोजगार।

    बरेली, जेएनएन। घर के कामकाज में व्यस्त रहने वाली महिलाएं अब जल संचयन और बारिश की पानी की बूंदों को सहेजने में जुटी हैं। जिले की तहसील नवाबगंज के गांव गरेम की महिलाओं ने तालाब खोदाई का जिम्मा लिया है। सरकार ने उन्हें रोजगार देने के लिए स्वयं सहायता समूह से जोड़ा तो उन्होंने गांव में पानी की किल्लत को देखते हुए तालाब खोदाई की ओर कदम बढ़ाए। इसके लिए मनरेगा के तहत उनके जॉब कार्ड भी बनाए गए हैं।

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    करीब दो माह पूर्व गांव के रोजगार मित्र को गांव की महिलाओं को रोजगार देने के लिए निर्देश दिए गए। इस पर रोजगार मित्र ने गांव की महिलाओं को एकत्र कर उन्हें गांव में होने वाले कार्यों की जानकारी दी। इस पर गरेम गांव की महिलाओं ने कहा कि गर्मी का मौसम आने वाला है ऐसे में गांव में तालाब का होना जरूरी है। जबकि महिलाओं के लिए खेती, दुकान व सिलाई कढ़ाई समेत अन्य कार्यों का भी विकल्प दिया गया था। गांव की कुसुमलता, रूपा, सुनीता, विनीता देवी आदि ने कहाकि वह तालाब की खोदाई में हाथ बटाएंगी। इसके बाद गरेम ग्राम में चयनित जमीन पर तालाब खोदाई का काम शुरू हुआ, जिसमें महिलाओं ने बढ़चढ़कर काम किया। करीब 30 से 32 महिलाओं ने खोदाई के काम में सहयोग किया और तालाब तैयार कर दिया। अब इंतजार है बारिश का, जिससे तालाब में जल एकत्र किया जा सके।

    तालाब की देखरेख की जिम्मेदारी भी

    महिलाओं ने तालाब की देखरेख और उसे संरक्षित करने की भी जिम्मेदारी ली है। गांव की महिलाओं ने कहाकि तालाब में पानी आने के बाद आसपास क्यारी बनाएंगी, जिसमें पौधरोपण किया जाएगा। इसके अलावा तालाब के पानी को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए संकल्प लिया है। इसके लिए उनकी योजना है कि गांव के पशुओं को किसी कीमत पर तालाब ने नहीं जाने दिया जाएगा, जिससे पानी गंदा होने से बचाया जा सके।