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    UP News: 'शादी के झांसे में कैसे आ सकती है तीन बच्चों की मां', कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोप से युवक को किया बरी

    Updated: Sun, 01 Sep 2024 07:51 AM (IST)

    Bareilly News एक महिला ने युवक पर दुष्कर्म की झूठी प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कोर्ट ने युवक को बरी कर दिया है। कोर्ट ने टिप्पणी कर कहा कि जिसके तीन बच्चे हैं वो शादी के झांसे में कैसे आ सकती है। पति से तलाक नहीं हुआ है। महिला ने प्रेमी पर लिखवा दी थी शादी का झांसा देकर दुष्कर्म की प्राथमिकी।

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    Bareilly News: महिला ने लिखवाया झूठा केस। सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, बरेली। Bareilly News: तीन बच्चों की मां ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए एक युवक पर प्राथमिकी लिखा दी। पुलिस ने भी मामले में आंख बंद कर विवेचना की और युवक को जेल भेज कोर्ट में चार्जशीट लगा दी।

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    फास्ट ट्रैक कोर्ट-प्रथम के न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने मामले में फैसला सुनाया। कहा, जिस महिला का अपने पति से तलाक नहीं हुआ, तीन बच्चों की मां है, वह किसी दूसरे युवक के साथ शादी के झांसे में कैसे आ सकती है? उन्होंने एसएसपी को निर्देशित किया है कि मामले में विवेचक दारोगा सोनिया यादव, प्रेमनगर कोतवाली के तत्कालीन इंस्पेक्टर बलवीर सिंह व सीओ- प्रथम श्वेता यादव के विरुद्ध धारा 219 के तहत कार्रवाई करते हुए विभागीय जांच की जाए।

    अविवाहित युवक से हो गए थे प्रेम संबंध

    34 साल की महिला के कर्मचारी नगर निवासी अविवाहित शिवम से संबंध हो गए। यह सिलसिला वर्ष 2016 से 2019 तक चला। महिला ने जुलाई 2019 में प्रेमनगर थाने में प्राथमिकी लिखाई कि आरोपित शिवम ने शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया और अब शादी नहीं कर रहा है। उसने पुलिस को बताया कि वह तीन बच्चों की मां है। शिवम तीन साल से उसका शारीरिक शोषण करता रहा। शहर के बाहर महंगे होटलों में ठहराकर उसके साथ पति-पत्नी जैसे संबंध बनाता था। हर बार शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। उसका अपने पति से तलाक नहीं हुआ है।

    पुलिस ने चार्जशीट लगा दी

    मामले में पुलिस ने महिला के कथनों की सच्चाई बिना जाने शिवम के विरुद्ध चार्जशीट अदालत भेज दी। न्यायाधीश ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह मामले की तहकीकात करे और सच्चाई को सामने लाए, लेकिन इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि किसी निर्दोष को जेल भिजवाने में महिला की मदद की। बीते फरवरी माह में मुकदमा सेशन कोर्ट में समिट हुआ।

    महिला पर अदालत ने जुर्माना भी लगाया है

    महज छह माह में ही फास्ट ट्रैक अदालत ने निर्दोष को इंसाफ दे दिया। महिला पर लगाया एक हजार रुपये का जुर्माना अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि एक शादीशुदा महिला जिसका अपने पति से तलाक नहीं हुआ है और उसके तीन बच्चे भी हैं इसके बावजूद शादी के झांसे में वह कैसे आ सकती है? यह बात स्वाभाविक नहीं लगती है। महिला ने अपने बयान में भी कहा कि आरोपित तीन साल तक उसके साथ दुष्कर्म करता रहा ऐसा संभव नहीं हो सकता। महिला ने अपने प्रेमी पर शादी का दबाव बनाने के लिए पुलिस से तालमेल करके उसे जेल भिजवाया।

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    कोर्ट ने कहा है कि महिला आरोपित शिवम को बतौर हर्जाना एक माह के अंदर एक हजार अदा करने होंगे। पुलिस ने लिखा था कि मामला प्रेम प्रसंग का है पुलिस ने मुकदमे के सारांश में लिखा था कि मामला पूरी तरह से प्रेम प्रसंग का है। इसके बाद भी पुलिस ने एक निर्दोष को जेल भेज दिया। उसके साथ जानबूझकर अन्याय किया। इस पर भी कोर्ट का रुख सख्त है।