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    Bareilly News: पाकिस्‍तानी नागरिकता छिपाकर शिक्षक बनी महिला बर्खास्‍त, बेटी को भी किया गया निलंबित

    By Vivek BajpaiEdited By:
    Updated: Fri, 02 Sep 2022 12:30 PM (IST)

    Pakistani teachers found in Bareilly वर्ष 2015 में शुमाएला की फतेहगंज पूर्वी के प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में तैनाती हुई थी। इस वर्ष उनका पाकिस्तानी ...और पढ़ें

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    Pakistani teachers found in Bareilly: बरेली में तैनात शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    बरेली, जागरण संवाददाता। Pakistani teachers found in Bareilly:  मां-बेटी ने पाकिस्‍तान की नागरिकता छिपाकर शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। हालांकि, जब हकीकत सामने आई तो उन पर शिकंजा कस गया। रामपुर में शिक्षक के रूप में कार्यरत मां को बर्खास्‍त कर दिया गया है, वहीं बरेली में तैनात शिक्षक बेटी को निलंबित कर बर्खास्‍तगी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। हालांकि, इस पूरे प्रकरण में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है।  

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    वर्ष 2015 में शुमाएला की फतेहगंज पूर्वी के प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में तैनाती हुई थी। इस वर्ष उनका पाकिस्तानी कनेक्शन निकला, जिसके बाद विभाग कमेटी गठित कर जांच कराई तो इसकी पुष्टि हुई। इस पर विभाग ने निलंबित कर दिया है और अब उनकी सेवा समाप्त करने की तैयारी चल रही है। एसपी रामपुर के पत्र के बाद बीएसए बरेली के संज्ञान में यह मामला आया था।

    पाकिस्‍तानी नागरिक से की थी शादी

    रामपुर के मोहल्ला आतिशबाजान की रहने वाली माहिरा उर्फ फरजाना ने 1979 में पाकिस्तान के सिबगत अली से निकाह किया था। निकाह के बाद वह पाकिस्तान ही रहने लगीं। पाकिस्तान की नागरिकता मिलने के दो वर्ष बाद माहिरा का तलाक हो गया और वह पाकिस्तानी पासपोर्ट पर भारत का वीजा प्राप्त कर दोनों बेटियों शुमाएला खान उर्फ फुरकाना व आलिमा के साथ रामपुर आकर रहने लगीं।

    वीजा खत्‍म होने के बाद भी नहीं लौटीं पाकिस्‍तान

    वीजा अवधि खत्म होने पर भी वह पाकिस्तान नहीं लौटीं तो एलआइयू ने रामपुर में वर्ष 1983 में मुकदमा दर्ज करा दिया। 25 जून 1985 को उन्हें सीजेएम कोर्ट से कोर्ट की समाप्ति तक अदालत में मौजूद रहने की सजा सुनाई गई और बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

    पहचान छिपाकर शिक्षक बनने के लिए किया आवेदन

    22 जनवरी को वर्ष 1992 की बेसिक शिक्षा विभाग में माहिरा की शिक्षक के पद पर नियुक्ति हुई। मामला शासन तक पहुंचा तो विभाग ने उन्हें तथ्य छुपाकर नौकरी करने के आरोप में निलंबित कर दिया, बाद में उनकी बहाली भी हो गई। इसके बाद मामला जैसे दब ही गया।

    पिछले वर्ष एलआइयू की जानकारी में आया कि माहिरा की बेटी की भी बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी लग गई है। एसपी रामपुर के पत्र के बाद बीएसए बरेली ने जांच शुरू कराई। उधर, रामपुर में माहिरा की फाइल भी फिर से खुल गई। उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं और बेटी शुमाएला को निलंबित कर सेवा समाप्त की तैयारी चल रही है।

    शुमाएला बोलीं, गलत कर रहे अधिकारी, मेरा जन्म भारत में हुआ

    शुमाएला का कहना है कि मेरा जन्म और पढ़ाई भारत में ही हुई। ऐसे में उन पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। बता दें कि विभाग ने उन्हें गलत तरीके से भारत की नागरिकता दिखाकर नौकरी लेने का आरोपी बनाया है। विभाग ने उनके निलंबन से पूर्व ही पूर्ण वेतन भी रोक दिया था।

    फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

    बीएसए विनय कुमार ने बताया कि एसडीएम सदर रामपुर को पत्र भेजकर शुमाएला के सामान्य निवास प्रमाण पत्र आदि निरस्त करने के लिए कहा गया है। निरस्तीकरण के बाद शुमाएला की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। शुमाएला और माहिरा के फर्जी निवास प्रमाण, आय और जाति प्रमाण पत्र बनाने वाले अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।