Bees Attack in Summer: गर्मी में मधुमक्खियां क्यों ज्यादा होती हैं हमलावर? वजह जानकर चौंक जाएंगे आप
UP News | गर्मी में तापमान बढ़ने और भोजन की कमी से मधुमक्खियां हमलावर हो रही हैं। जंगली मधुमक्खियां खासकर एपिस डोरसटा अपने उग्र स्वभाव के कारण ज्यादा खतरनाक होती हैं। पालतू मधुमक्खियां आमतौर पर हमला नहीं करतीं क्योंकि उनके भोजन और तापमान का ध्यान रखा जाता है। विशेषज्ञों ने जंगली मधुमक्खियों के छत्तों से दूर रहने की सलाह दी है।

पीयूष दुबे, बरेली। बढ़ता तापमान परेशान कर रहा और पेट भी खाली है...! ये परिस्थितियां मधुमक्खियों को हमलावर बना रहीं। बीते दिनों कानपुर, ललितपुर, मिर्जापुर में मधुमक्खियों के हमलों के पीछे यही अनुमान लगाया जा रहा है।
भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ), इज्जतनगर के विज्ञानी ने डा. रंजीत सिंह सचेत करते हैं कि गर्मियों में जंगली मधुमक्खियों के छत्तों से दूर रहना ही बेहतर है। इनका स्वभाव पालतू की तुलना में ज्यादा उग्र होता है।
आइवीआरआइ के कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानी डा. रंजीत सिंह ने बताया कि गर्मियों में फूलों की कमी होने से मधुमक्खियों को भोजन के लिए संघर्ष करना पड़ता है। वे परागण नहीं मिलने के कारण चिड़चिड़ी होने लगती हैं। इस बीच तापमान भी अधिक होने के कारण छत्ते गर्म होने से उनकी परेशानी बढ़ती जाती है।
इन परिस्थितियों में यदि कोई उनके छत्तों के आसपास से गुजरे, शोर-शराबा करे तो हमला कर देती हैं। वसंत ऋतु में परागण एकत्र करने के बहुत विकल्प होते हैं। इससे इतर गर्मी में सिर्फ जामुन, तिल, लौकी, तोरई, टिंडा, तरबूज-खरबूजा आदि से ही भोजन प्राप्त हो सकता है। जिन क्षेत्रों में पर्याप्त परागण एकत्र करने की व्यवस्था नहीं हो पाती, वहां की मधुमक्खियां भूख के कारण उग्र हो जाती हैं।
विशेषज्ञ बताते हैं कि बाग, जंगल आदि में एपिस डोरसटा प्रजाति की जंगली मधुमक्खी हमले करती है। इसका स्वभाव उग्र होने के कारण पाला भी नहीं जाता है। मिर्जापुर, ललितपुर आदि क्षेत्रों में इसी मधुमक्खी के हमले की आशंका है। सामान्य तौर पर पालतू मधुमक्खियां हमले नहीं करतीं क्योंकि उनका स्वभाव उग्र नहीं होता और उन्हें भोजन आदि की व्यवस्था कर दी जाती है। पालक उनके छत्तों को गर्म होने से बचाने के लिए छाया में रखते हैं या समय-समय पर पानी का छिड़काव करते हैं।
जंगली मधुमक्खियां डंक मारने में छोड़ती ज्यादा हार्मोन
मधुमक्खी पालक सचिन अग्रवाल बताते हैं कि अधिकांश लोग सेरेना इंडिका और एपिस मेलिफेरा मधुमक्खी का पालन करते हैं। इसमें सेरेना इंडिका मधुमक्खी का पालन पहाड़ी क्षेत्रों या ऊंचाई वाले क्षेत्रों में होता है, जबकि एपिस मेलिफेरा का पालन मैदानी क्षेत्रों में ज्यादा किया जाता है। जंगली मधुमक्खियों की तुलना में पालक मधुमक्खियां कम हमलावर होती हैं।
साथ ही जंगली मधुमक्खियां डंक मारने के दौरान तीव्र हार्मोन छोड़ती है, जबकि पालक मधुमक्खी कम हार्मोन छोड़ती हैं। मधुमक्खी पालन करने वाले पालक मधुमक्खियों के तापमान व खानपान का बहुत ध्यान रखते हैं, जिससे वे जल्द हमलावर नहीं होती हैं।
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