Updated: Thu, 03 Apr 2025 06:01 PM (IST)
वित्त वर्ष 2024-25 में मथुरा नगर निगम ने 106% वृद्धि के साथ संपत्तिकर वसूली में पहला स्थान प्राप्त किया। बरेली ने 81 करोड़ से बढ़कर 109.7 करोड़ की आय अर्जित कर 10वां स्थान हासिल किया। शीर्ष शहरों में झांसी गाजियाबाद अयोध्या और वाराणसी भी शामिल हैं। बरेली नगर निगम ने 15 मई तक 2.28 लाख घरों में बिल वितरित कर 170 करोड़ का लक्ष्य रखा है।
नीलेश प्रताप सिंह, बरेली। निकायों को आर्थिक रूप से समृद्ध करने को लेकर चल रहे तमाम प्रयासों के बीच शासन ने वित्त वर्ष-2024-25 में संपत्तिकर वसूली की रैंकिंग जारी कर दी। वित्त वर्ष-2023-24 की आय 43 करोड़ के सापेक्ष वित्त-2024-25 में 88.41 करोड़ वसूली कर 106 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि कर मथुरा नगर निगम ने प्रदेश में पहला पायदान हासिल किया।
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वहीं, बरेली ने भी वित्त वर्ष-2023-24 के सापेक्ष वित्त वर्ष-2024-25 में 35 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 81 से 109.7 करोड़ की आय प्राप्त की, जो प्रयागराज की 29 प्रतिशत वृद्धि, कानपुर के 35 प्रतिशत, मुरादाबाद की 26 प्रतिशत को पीछे छोड़ प्रदेश में 10वां स्थान हासिल किया।
शहरी क्षेत्र की आबादी और जनसुविधाओं की मांग के बीच शासन संपत्तिकर वसूलने को लेकर भी गंभीर है। इसके लिए सभी निकायों को शत-प्रतिशत घरों से वसूली के साथ लंबे समय से चल रही गृहकर की दरों को रिवाइज करने को लेकर भी निर्देश जारी किया है।
इन सबके बीच मंगलवार को नए वित्त वर्ष की शुरुआत होते ही शासन ने प्रदेश के सभी निकायों की ओर से संपत्तिकर वसूली में वित्त वर्ष-2023-24 और वित्त वर्ष-2024-25 में हुई आय का विस्तृत ब्योरा जारी किया, जिसमें प्रतिशतवार कुल आय की वृद्धि के जरिये रैंकिंग दी है।
इसमें मथुरा ने वित्त वर्ष-2023-24 में 43 करोड़ के सापेक्ष में वर्ष-2024-25 में 88.41 करोड़ की आय के साथ 106 प्रतिशत की वृद्धि के साथ प्रथम स्थान हासिल किया। इसी तरह झांसी ने 47 से बढ़कर 88.83 करोड़ और गाजियाबाद ने 335 करोड़ से आगे बढ़ते हुए 608.89 करोड़ की वसूली की।
दोनों शहरों ने वित्त वर्ष-2023-24 के सापेक्ष में वित्त वर्ष-2024-25 की कुल आय में 72-72 प्रतिशत की वृद्धि की। झांसी को दूसरा व गाजियाबाद को तीसरा स्थान मिला है। इसी तरह अयोध्या ने 36 करोड़ से आगे बढ़ते हुए 55.81 करोड़ की आय कर 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चौथा स्थान हासिल किया।
वाराणसी ने 167 करोड़ से 253.11 करोड़ की संपत्तिकर वसूलते हुए कुल आय में 52 प्रतिशत की वृद्धि की। वाराणसी को प्रदेश में पांचवां स्थान मिला। गोरखपुर ने 72 करोड़ से 105 करोड़ के साथ छठवां, अलीगढ़ ने 96 करोड़ से 135 करोड़ की आय कर सातवां, आगरा ने 216 करोड़ से 301 करोड़ की वसूली कर आठवां पायदान हासिल किया।
वहीं, लखनऊ ने वित्त वर्ष-2023-24 में 909 करोड़ के सापेक्ष में वित्त वर्ष-2024-25 में 1267.68 करोड़ की कुल वसूली के साथ 39 प्रतिशत की वृद्धि की और प्रदेश में नौवां स्थान हासिल किया। बरेली ने 81 करोड़ से 109.7 करोड़ के साथ 10वां, कानपुर ने 535 करोड़ से आगे बढ़ते हुए 720.62 करोड़ के साथ प्रदेश में 11वीं रैंक हासिल की।
मेरठ ने 127 करोड़ के सापेक्ष में 168.3 करोड़ के साथ 13वां, प्रयागराज ने वित्त वर्ष-2023-24 की कुल आय 255 करोड़ के सापेक्ष में 327.83 करोड़ की वसूली कर 29 प्रतिशत की वृद्धि के साथ प्रदेश में 14वां स्थान हासिल किया।
15 मई तक नए बिल वितरित करने का दावा
नगर निगम बरेली ने वित्त वर्ष-2024-25 में पहली बार संपत्तिकर आय में 100 करोड़ का आंकड़ा पार करते हुए कुल 109.7 करोड़ की आय प्राप्त की है। इससे उत्साहित निगम अधिकारियों ने नए वित्त वर्ष-2025-26 में 170 करोड़ से अधिक के आय का लक्ष्य रखा है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्र के अनुसार बरेली नगर निगम ने 15 मई तक शहर के सभी 2.28 लाख भवनों को बिल वितरित कर शत-प्रतिशत वसूली का लक्ष्य रखा है।
शासन ने संपत्तिकर में हुई आय की रैंकिंग जारी की है जिसमें बरेली को 10वां स्थान मिला है। नए वित्त वर्ष में टैक्स विभाग को 15 मई तक शत-प्रतिशत घरों तक बिल वितरण के साथ बचे आपत्तियों के निस्तारण के निर्देश दिए हैं, जिससे की नए वित्त वर्ष में आय और बढ़ सके। - संजीव कुमार मौर्य, नगर आयुक्त
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