ऊषा देवी के प्रयासों ने बदल दी गांव की तस्वीर, सरकार ने दिया है लक्ष्मीबाई पुरुस्कार
सच्चे मन और दिल लगाकर कोई भी काम किया जाए तो सफलता कदम चूम लेती है। भुता विकास खंड की ग्राम पंचायत कुआंडांडा की ग्राम प्रधान ऊषा देवी ने अपनी मेहन और लगन से सफलता की ऐसी ही कहानी गढ़ी है।

बरेली, जेएनएन। सच्चे मन और दिल लगाकर कोई भी काम किया जाए तो सफलता कदम चूम लेती है। भुता विकास खंड की ग्राम पंचायत कुआंडांडा की ग्राम प्रधान ऊषा देवी ने अपनी मेहन और लगन से सफलता की ऐसी ही कहानी गढ़ी है। उनके सामने संकट और चुनौतियां आती रहीं, जिनका वह डटकर मुकाबला करती रहीं। जीवन भर घर और चौका चूल्हा संभालने वाली ऊषा की मेहनत ने गांव में विकास के नए आयाम गढ़े हैं।
विकास खंड भुता से सटी लगभग 3600 आबादी वाली ग्राम पंचायत कुआंडांडा की ग्राम प्रधान ऊषा देवी हैं। पांच साल पहले 2015 में ग्राम प्रधानी संभाली तो साथ देने के लिए पति थे। लेकिन कुछ ही दिनों में पति की बीमारी के चलते मौत हो गई। ऐसे में अकेली पड़ी ऊषा ने हिम्मत नहीं हारी। वह कुछ दिनों में ही प्रधानी के तौर तरीकों को समझ गईं और गांव के विकास के लिए उन्होंने एक के बाद एक काम करने शुरू कर दिए। गांव के लोगों के सुख दुख में शामिल होने से लेकर उनकी पेंशन, आवास आदि बनवाने के लिए अपने बेटे सचिन के साथ रात दिन एक कर दिया। अब गांव की हर सड़क बनी हुई है। पानी की कोई दिक्कत नहीं। गांव में 32 हैंडपंप लगे हैं। ओवरहेड टैंक बनवाने के लिए प्रयासरत रहीं। करीब सात खराब पड़े हैंडपंप को रीबोर भी कराया।
प्रधानमंत्री द्वारा चलाए गए स्वच्छता अभियान के तहत खुद को जोड़ा और शौचालय बनवाए। ग्रामीणों को स्वच्छता के लिए जागरूक किया। गांव में कई नेक कार्य कराने पर प्रदेश सरकार ने उन्हें रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार के लिए चुना। पुरस्कार हासिल करने के बाद उनके मन में उत्साह बढ़ा। ग्राम व क्षेत्र के लोग भी विकास कार्य के लिए इस महिला प्रधान उषा देवी की प्रशंसा कर रहे हैं। प्रधान उषा देवी ने अपने ग्राम में विकास कार्यों को करवा कर गांव की तस्वीर ही बदल डाली।
गांव की स्थिति एक नजर में
ग्राम पंचायत की कुल आबादी - 3600
ग्राम पंचायत में कुल मतदाता - 1243
क्या कहती हैं ग्राम प्रधान
कई बार हमें पता नहीं होता कि हमें क्या करना है। लेकिन हम ऐसे काम कर देते हैं, जिसके लिए हमें याद किया जाए। गांव के विकास के लिए लगातार अच्छे प्रयास किए। जिसका नतीजा है कि गांव सुंदर और स्वच्छ है। पंचायत घर की मरम्मत, स्कूल का सुंदरीकरण कराया। ट्यूबबैल, आंगनबाड़ी केंद्र और ओवरहैंड टैंक बनावाना चाहते थे, जो रह गया।
ऊषा देवी, ग्राम प्रधान कुआंडांडा

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