परचम कुशाई से शाह शराफत मियां के उर्स का आगाज
आस्ताना-ए-आलिया सकलैनिया शराफतिया में शनिवार को परचम कुशाई के साथ शुरू हो गया
जागरण संवाददाता, बरेली : आस्ताना-ए-आलिया सकलैनिया शराफतिया में शनिवार को परचम कुशाई के साथ 51वें उर्स-ए-शाह शराफत मियां का आगाज हो गया। दोपहर ढाई बजे शाह मुहम्मद सकलैन मियां ने परचम कुशाई की रस्म अदा की। इसके बाद जुलूस निकला। इसमें अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा। गाजी मियां की कयादत में परचम के साथ यह जुलूस शहर के कई स्थानों पर पहुंचा। इसका जगह-जगह फूलों से इस्तकबाल किया गया। लंगर, तबर्रुक तकसीम किया जाता रहा।
खानकाह में सुबह से ही अकीदत की महफिल सज गई। कारी आलम सकलैनी ने कलाम पाक की तिलावत की। सरपरस्ती शाह मुहम्मद सकलैन मियां की रही। संचालन अहमद नूर ने किया। हसीब रौनक सकलैनी, आमिल सकलैनी, मजहर सकलैनी आदि ने नात ओ मनकबत का नजराना पेश किया।
चादर लेकर पहुंचे काफिले
उर्स-ए-शाह शराफत मियां के उर्स के आगाज पर शहर के आसपास से अकीदतमंद चादरों का जुलूस लेकर दरगाह पहुंचते रहे। मीरगंज, फतेहगंज, महेशपुरा, ठिरिया, फरीदपुर, बहेड़ी, भोजीपुरा, बिधौलिया, परतापुर, शाहजहांपुर, रामपुर आदि स्थानों से जुलूस आए।
कौमी एकता का नजारा
कला केंद्र, शाहबाद में डॉ. राम किशोर की ओर से जुलूस पर फूलों की बारिश की गई। राष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण एवं अपराध निवारण परिषद ने जुलूस का स्वागत किया। इसमें जावेद खान, आरिफ खान, अब्दुल सुब्हान खान, जगदीश लाल अरोड़ा, फैजी, विजय सक्सेना आदि मौजूद रहे। महानगर राष्ट्रीय कौमी एकता संगठन ने जुलूस का इस्तकबाल किया। इसमें अध्यक्ष अफरोज मियां, नजीमुल इस्लाम, विशाल आहूजा, सर्वेश कुमार, सैफी उल्ला, अरविंद्र सिंह, सौरभ शुक्ला, शिव वर्मा आदि शामिल थे। अवामी खिदमत कमेटी की ओर से मुहम्मद शाकिर यार खां, शमशाद अहमद, जाहिर अली खां, बिलाल रजा आदि ने इस्तकबाल किया। वहीं समाज सेवा मंच के नदीम शम्सी, मिलन शर्मा, विजय गुप्ता, राहुल सिंघल, अखिलेश पाठक, अमित खनेजा आदि ने जुलूस का स्वागत किया। व्यापारियों से अतिक्रमण न करने की अपील की।
युवा बरेली सेवा क्लब ने भी जुलूस का स्वागत किया। पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार, सपा नेता कदीर अहमद, गुलफाम अंसारी आदि मौजूद रहे।
मजहब पर बंद हो बयानबाजी
खानकाह की ओर से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया। इसमें मांग की गई कि धर्म पर गलतबयानी व टिप्पणी रोकी जाएं। टिप्पणी करने वालों पर कार्रवाई के लिए कानून बनाया जाए। उर्स के कार्यक्रम राजकीय इंटर कॉलेज में आयोजित करने की अनुमति मिलें, क्योंकि दरगाह इलाके की गलियां तंग है। इससे हादसे की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा यूनानी मेडिकल कॉलेज का नाम शाह शराफत अली मियां के नाम पर किया जाए।
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