UP Tourism : बरेली में अहिच्छत्र, लिलौर झील और जैन मंदिर बनेंगे पर्यटन सर्किट, मेरठ एएसआइ की टीम कर रही दौरा
Bareilly Tourism News अहिच्छत्र किले के अवशेष लिलौर झील पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर को मिलाकर एक पर्यटन सर्किट तैयार किया जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) मेरठ की टीम ने बरेली आने के बाद अहिच्छत्र का दौरा किया। यहां पांडव कालीन अवशेष मिल चुके हैं।

बरेली, जेएनएन। Bareilly Tourism News: अहिच्छत्र, किले के अवशेष, लिलौर झील, पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर को मिलाकर एक पर्यटन सर्किट तैयार किया जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) मेरठ की टीम ने बरेली आने के बाद अहिच्छत्र का दौरा किया। यहां पांडव कालीन अवशेष मिल चुके हैं। यहां मौजूद थीम पार्क के साथ पर्यटन विभाग के म्यूजियम को एसएसआइ विकसित करने के लिए तैयार हो गई है। उन्होंने कहा कि पुरातात्विक महत्व के अनुरूप ही पर्यटन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
डीएम कैंप कार्यालय पर अधीक्षक पुरातत्व मेरठ सर्किल डॉ. डीबी गड़नायक की अगुवाई विशेषज्ञों की टीम पहुंची। पर्यटन अधिकारी दीप्ति वत्स की मौजूदगी में डीएम नितीश कुमार और सीडीओ चंद्र माेहन गर्ग ने अहिच्छत्र को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने का प्लान रखा।
अहिच्छत्र को लेकर एएसआइ के अधीक्षक ने बजट को लेकर संशय जताया। डीएम ने पूरी मदद का आश्वासन दिया, क्योंकि अहिच्छत्र के आस-पास का क्षेत्र भी विकसित किया जाना है। उन्होंने कहा कि अहिच्छत्र के लिए संपर्क मार्ग जल्दी ही तैयार हो जाएगा। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए। पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
कार्यालय बैठक के बाद एएसआइ की छह सदस्यीय टीम, एसडीएम आंवला, पर्यटक अधिकारी, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने अहिच्छत्र का निरीक्षण किया। अधिकारियों के मुताबिक अहिच्छत्र को विकसित करने का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है।
अहिच्छत्र को लेकर ब्लू प्रिंट फाइल हो गया है। बाहर का हिस्सा हम विकसित करेंगे। अहिच्छत्र को लेकर एएसआइ के अधिकारी भी बहुत संतुष्ट नजर आए। इससे बरेली के पर्यटन को बहुत फायदा होगा।- नितीश कुमार, डीएम बरेली
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