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Umesh Pal Murder: अशरफ से मिलने फरवरी में लल्ला गद्दी पहुंचा था जेल, आरिफ पहुंचाता था बिरयानी

Umesh Pal Murder माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अरमान उस्मान गुलाम अली के साथ मोहम्मद रजा उर्फ लल्लागद्दी ने भी अशरफ से मुलाकात की थी। फंसने की स्थिति ना बने इसके लिए जब गुर्गे मिलकर चले गए तब वह अशरफ से जिला जेल में मुलाकात के लिए पहुंचा।

By Anuj MishraEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANPublished: Tue, 21 Mar 2023 09:25 PM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2023 09:25 PM (IST)
Umesh Pal Murder: अशरफ से मिलने फरवरी में लल्ला गद्दी पहुंचा था जेल, आरिफ पहुंचाता था बिरयानी
Umesh Pal Murder: अशरफ से मिलने फरवरी में लल्ला गद्दी पहुंचा था जेल, आरिफ पहुंचाता था बिरयानी : जागरण

बरेली, जागरण संवाददाता: 11 फरवरी को माफिया अतीक अहमद के बेटे असद, अरमान, उस्मान, गुलाम अली के साथ मोहम्मद रजा उर्फ लल्लागद्दी ने भी अशरफ से मुलाकात की थी। फंसने की स्थिति ना बने, इसके लिए जब गुर्गे मिलकर चले गए तब वह अशरफ से जिला जेल में मुलाकात के लिए पहुंचा। लिहाजा, वह अपने ही जाल में फंस गया। अपनी ही आइडी पर उसने मुलाकात की थी।

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इधर, पीलीभीत के कोतवाली थाना स्थित फिलखाना मोहम्मद निवासी बिरयानी व्यापारी मोहम्मद आरिफ अशरफ के लिए जिला जेल में बिरयानी लेकर पहुंचता था। इस दौरान वह अपनी ही आइडी का इस्तेमाल करता था। दोनों से पूछताछ में पुलिस को सद्दाम व अशरफ के बड़े नेटवर्क की जानकारी हाथ लगी है। ऐसे में भले ही मंगलवार को पुलिस ने कोर्ट के समक्ष पेश कर दिया लेकिन पूरे नेटवर्क को खंगालने के लिए आरोपितों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी है।

24 फरवरी को प्रयागराज में उमेशपाल व दो पुलिसकर्मियों के हत्याकांड मामले के तार बरेली जिला जेल से जुड़े। पता चला कि जेल में बंद माफिया अतीक के भाई अशरफ ने गुर्गों के जरिये पूरी पटकथा लिखी। फिर उसी के इशारे पर हत्याकांड का समय व तारीख तय हुआ। इसी अंदेशे पर पुलिस जांच में जुटी।

हत्याकांड से पहले जिला जेल पहुंचकर अशरफ से मुलाकात की

प्रयागराज पुलिस ने बरेली पुलिस से अतीक के बेटे असद, असद पुत्र आफाक, सदाकत, अरमान, गुलाम अली, गुड्डू मुस्लिम के नाम साझा किये। अंदेशा जताया कि हत्याकांड से पहले इन सभी ने जिला जेल पहुंचकर अशरफ से मुलाकात की। जांच में अंदेशे पर मुहर भी लग गई। 11 फरवरी की सीसीटीवी पुलिस के हाथ लगी जिसमे नौ गुर्गे अशरफ से मुलाकात करते दिखे। फुटेज के आधार पर ही असद, अरमान, उस्मान व गुलाम अली की पहचान कर ली गई।

लल्ला गद्दी के जरिये जेल में चलाते थे नेटवर्क

इधर, अशरफ के मददगार के रूप में जेल का सिपाही शिवहरि अवस्थी व कैंटीन संचालक दयाराम उर्फ नन्हें पकड़ा गया। दोनों ने बताया कि अशरफ व सद्दाम पुराना शहर चक महमूद निवासी मोहम्मद रजा उर्फ लल्ला गद्दी के जरिये जेल में नेटवर्क चलाते थे। सभी की मिलीभगत होती थी।

एनकाउंटर का डर सताया तो किया सरेंडर

देखते ही देखते लल्ला गद्दी पर बारादरी थाने में दूसरी प्राथमिकी हुई। पुलिस ने तलाश शुरू की जिससे उसे एनकाउंटर का डर सताया। इसी के बाद उसने सोमवार की देर रात नाटकीय ढंग से सैटेलाइट चौराहे पर एसओजी के सामने सरेंडर कर दिया था। सरेंडर का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ था। इधर, पीलीभीत से आरोपित आरिफ को पुलिस पहले ही उठा चुकी थी। दोनों ने पूछताछ में अशरफ से जुड़े होने की बात स्वीकार कर ली। दोनों के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य भी मिले।

इनका कहना है

अशरफ के गुर्गे लल्लागद्दी व पीलीभीत के बिरयानी व्यापारी मोहम्मद आरिफ के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं। दोनों को न्यायालय के समक्ष पेशकर जेल भेज दिया गया। प्रकरण में अग्रिम कार्रवाई प्रचलित है। -राहुल भाटी, एसपी सिटी


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