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    UP News: रेल पटरियों पर बैठ मोबाइल में गेम खेल रहे थे दो छात्र, इंजन ने रौंदा; मौत

    Updated: Mon, 05 May 2025 09:50 PM (IST)

    UP News उत्तर प्रदेश के बरेली जिला में पटरियों पर बैठकर दो छात्र मोबाइल में गेम रहे थे। कानों में इयरबड लगा होने के कारण वह इंजन की आवाज भी नहीं सुन स ...और पढ़ें

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, बरेली। उनकी उम्र महज 11 और 14 वर्ष थी। वह कक्षा चार व सात के छात्र होने के साथ गहरे दोस्त थे। एक ने दो माह पूर्व स्वजन से जिद करके मोबाइल खरीदा था। मोबाइल पर गेम खेलने की ऐसी लत लगी कि वह सबकुछ भूल गए। सोमवार को तो हद हो गई। दोनों रेल पटरियों पर बैठकर गेम खेलने लगे।

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    कान में एयरबड लगाकर वह गेम में ऐसे डूबे कि उन्हें ट्रेन के इंजन की आवाज भी नहीं सुनाई दी और परिणाम स्वरूप दोनों को अपनी जान गंवानी पड़ गई। 11 वर्षीय पंकज व 14 वर्षीय आदित्य सोमवार सुबह नौ बजे बाल कटाने के लिए निकले थे। पंकज के पास फोन नहीं था, लेकिन उसके दोस्त आदित्य ने दो माह पहले ही जिद करके नया फोन लिया था।

    पटरियों पर बैठकर खेल रहे थे मोबाइल गेम

    उसी फोन को लेकर दोनों निकले थे। बाल कटाकर लौटने के बाद आदित्य व पंकज ट्रेन पटरियों पर बैठकर मोबाइल में गेम खेलने लगे। दोनों के कान में एक-एक एयरबड लगी होने की वजह से उन्हें आस-पास का शोर सुनाई नहीं दिया। इसकी वजह से इंजन की चपेट में आ गए।

    चश्मदीदों का कहना हैं कि दोनों कभी भी पटरियों की तरफ नहीं जाते थे, लेकिन सोमवार को पता नहीं दोनों कैसे वहां बैठकर फोन चलाने लगे। पुलिस को घटना स्थल से टूटा हुआ फोन भी बरामद हुआ। पोस्टमार्टम के बाद आदित्य के स्वजन उसका शव ले गए। पंकज का शव अभी भी डीप फ्रीजर में रखा हुआ है। उनके पिता हिमाचल से लौट रहे हैं।

    दोनों कान में लगाए थे एयरबड

    एसपी सिटी, मानुष पारीक का कहना है कि दो छात्रों की रेलवे ट्रैक पर बैठकर मोबाइल चलाने के दौरान ट्रेन के इंजन की चपेट में आने से मौत हो गई। दोनों के कान में एयरबड लगे हुए थे, जिसकी वजह से उन्हें इंजन की आवाज सुनाई नहीं दी।

    एक के पिता गार्ड तो दूसरे के राजमिस्त्री

    पंकज के चाचा मोहित ने बताया कि पंकज के पिता ओमवीर हिमाचल के ऊना में रहकर राज मिस्त्री का काम करते हैं। आदित्य की तहेरी बहन ने फोन पर बताया कि आदित्य के पिता ऋषि सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं। मुहल्ले के लोगों में चर्चा है कि यदि उनके पास मोबाइल नहीं होता तो शायद जान बच जाती।