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    Tripple Talaq : सुरक्षा का एहसास होते ही मुस्लिम महिलाओं में जश्न Bareilly News

    By Abhishek PandeyEdited By:
    Updated: Thu, 01 Aug 2019 09:31 AM (IST)

    एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मनाई इस भरोसे के साथ कि अब मुस्लिम औरतें सुरक्षित हैं। कोई शौहर न तो तलाक की धमकी देगा और न ही तलाक देकर घर से निकालने क ...और पढ़ें

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    Tripple Talaq : सुरक्षा का एहसास होते ही मुस्लिम महिलाओं में जश्न Bareilly News

    बरेली, जेएनएन : एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को सजा के दायरे में लाने का बिल राज्यसभा से पास होते ही सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े मरकज (केंद्र) बरेली में तलाक पीडि़ताओं ने जश्न मनाया। आला हजरत खानदान की बहू रहीं व आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान के घर पीडि़ताएं पहुंची। एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मनाई, इस भरोसे के साथ कि अब मुस्लिम औरतें सुरक्षित हैं। कोई शौहर न तो तलाक की धमकी देगा और न ही तलाक देकर घर से निकालने की जुर्रत कर पाएगा।
    बरेली से वर्ष 2016 से तीन तलाक पर रोक लगाने की आवाज उठ रही थी, जोकि मंगलवार को कानून बन गई। आला हजरत खानदान के शीरान रजा खां से तलाक का विवाद होने के बाद निदा खान तलाक के खिलाफ खड़ी हुईं। इस पर पिछले साल 17 जुलाई को उन्हें एक फतवा जारी कर इस्लाम से खारिज कर दिया गया था। दूसरी तरफ मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी तलाक भी तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाती जा रहीं थीं। पीडि़ताओं को सामने लाकर उन्हें न्याय दिलाने की मुहिम छोड़ी। इन दोनों महिलाओं की आवाज देशभर में गूंजी।

    तीन तलाक कानून हमारी पीढिय़ों को सुरक्षित करेगा। अब कोई शौहर चाय में चीनी कम होने पर तलाक देने की जुर्रत नहीं जुटा पाएगा। तलाक के लिए संघर्ष करने वाली व पीडि़ताओं को न्याय मिला है। सरकार और बिल को समर्थन करने वाले सांसदों का धन्यवाद। हमारे लिए यह जश्न का पल है। काश कानून पहले आता तो मझे तलाक देने का दावा करने वाले शीरान रजा को भी सजा कराती। -निदा खान, अध्यक्ष आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी, बरेली

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    तलाक के लिए जान जोखिम में डालने आवाज उठाने वाली महिलाओं को सरकार ने न्याय दिया है। मुस्लिम महिलाएं सुरक्षित होंगी। उनका सम्मान बढ़ेगा। सजा के डर से कोई शौहर न तो तलाक की धमकी देगा और न ही तलाक देने का साहस जुटा पाएगा। संघर्ष करने वाली सभी पीडि़ताओं को बधाई। आज का दिन महिलाओं के नया उजाला लेकर आया है। उनकी जिंदगी चमकेगी। -फरहत नकवी, अध्यक्ष मेरा हक फाउंडेशन

    तीन तलाक पर कानून बनने से महिलाओं का भविष्य सुरक्षित होगा। यह मुस्लिम महिलाओं को नहीं समानता का मुद्दा था। सरकार ने कानून बनाया। इसके लिए शुक्रिया। अब बेटियों की जिंदगी में बदलाव नजर आएगा। वह ताकतवर महसूस करेंगी। -शबीना, तलाक पीडि़ता, बरेली

    तीन तलाक पर सजा जरूरी थी। क्योंकि बगैर सजा और कानून के पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। अब मर्द तलाक देने से पहले सजा के बारे में जरूर सोचेंगे। इससे घटनाएं रुकेंगी। -शबाना, तलाक पीडि़ता, बरेली

    तीन तलाक एक घुटन थी, हर पल औरतें इसमें घुटती थीं। बात-बात पर मर्द तलाक की धमकी देते, उत्पीडऩ करते। मजबूरी में औरत सब कुछ सहती रहती। अब ऐसा नहीं होगा। तलाक के कानून ने औरत को मजबूत बना दिया है। -अर्शी, तलाक पीडि़ता, बरेली

    इनकी भी सुनें 

    ट्रिपल तलाक का कानून शरीयत पर सीधा हमला है। तलाक जैसी गंदगी और सजा से बचने के लिए केवल जागरूकता का ही एक रास्ता है। मुसलमान अपने मसले घर में सुलझाएं। कोर्ट-कचहरी और पुलिस थानों से बचें। यही शरीयत का पैगाम है। -मुफ्ती इंतेजार अहमद कादरी, अध्यक्ष राष्ट्रीय सुन्नी उलमा कौंसिल, बरेली

    उनका बहुमत है, वह कुछ भी कर सकते हैं। शरई कानून न बदला जा सकता है न उससे ऊपर कुछ है। कानून से कोई फर्क नहीं पड़ता। देश को किस दिशा में मोड़ रहे हैं, यह दुनिया देख रही है। मुसलमानों से अपील है कि शरीयत पर अमल करें। सावधानी भी बरतें। शरीयत में जिस तरह तलाक का हुक्म है, उसका पालन करें। -मौलाना तसलीम रजा खां, नबीरे आला हजरत

    यह बिल पास ही होना था। क्योंकि सरकार ने इसी हमदर्दी पर मुस्लिम महिलाओं के वोट लिए। इससे नुकसान है तो कुछ फायदे भी होंगे। बिल में कोई तो अच्छाई होगी। अब सजा से बचाव के लिए समाज को जागरूक करेंगे।
    -मौलाना शहाबुद्दीन रजवी, महासचिव-तंजीम उलमा-ए-इस्लाम

    बिल शरीयत के खिलाफ है। मुस्लिम मामले कुरान और हदीस की रोशनी में ही हल किए जाएंगे। हां, कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए इसके विरोध से बचें। समाज के मामले अपने अंदर निबटाएं। -मुफ्ती साजिद हसनी

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