ऐतिहासिक काकोरी कांड की गवाह रही ट्रेन हुई बंद, क्यों UP सरकार ने 'कांड' हटाकर 'ट्रेन एक्शन' रखा नाम?
Kakori Train Action रेलवे ने लखनऊ सहारनपुर ट्रेन का संचालन बंद कर दिया है। लखनऊ सहारनपुर ट्रेन वहीं ट्रेन है जो हमारे इतिहास का अहम हिस्सा है। नौ अगस ...और पढ़ें

फतेहगंज, जागरण संवाददाता। नौ अगस्त 1925 की रात को भारत के वीर सपूतों ने अंग्रेजी हूकूमत को गहरी चोट दी थी। लखनऊ सहारनपुर लखनऊ ट्रेन को पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खां, राजेंद्र लाहिड़ी और रोशन सिंह ने लूट लिया था। इस घटना को काकोरी कांड के नाम से जाना गया। ये ट्रेन आज भी पटरी पर दौड़ती रही थी, लेकिन अब ये बस इस ऐतिहासिक घटना की गवाही देगी। अब इस ट्रेन के संचालन को बंद कर दिया गया है।
आजादी के नायकों को सम्मान देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने काकोरी कांड का नाम बदलकर काकोरी ट्रेन एक्शन कर दिया। नाम बदलने के पीछे सरकार की मंशा थी कि ‘कांड’ शब्द स्वतंत्रता संग्राम के लिए हुई इस घटना में अपमान की भावना को दिखाता है, लेकिन अब रेलवे ने इस लखनऊ सहारनपुर ट्रेन का संचालन बंद कर दिया है। इसकी जानकारी कटरा विधायक वीर विक्रम सिंह प्रिंस को डीआरएम की ओर से भेजे गए पत्र से हुई।
बंद की गई काकोरी ट्रेन
डीआरएम की ओर से भेजे गए पत्र का हवाला देते हुए विधायक प्रिंस ने बताया कि ट्रेन संख्या 54251 व 54252 लखनऊ-सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर और ट्रेन संख्या 54377 व 54378 बरेली-इलाहाबाद-बरेली ट्रेन का संचालन स्थायी रूप से बंद कर दिया। कुछ ट्रेनों के स्टॉपेज भी खत्म कर दिए। विधायक ने कहा कि इससे यात्रियों को परेशानी होगी।
ट्रेन का संचालन फिर से शुरू करने का करेंगे अनुरोध
इसमें कटरा विधायक वीर विक्रम सिंह प्रिंस ने फतेहगंज पूर्वी नगर के बिलपुर रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली त्रिवेणी एक्सप्रेस और ट्रेन 13151 और 13152 सियालदह एक्सप्रेस में से एक ट्रेन को बिलपुर रेलवे स्टेशन पर रोके जाने की मांग करते हुए पत्र भेजा था, जिसके जवाब में उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल के तत्कालीन डीआरएम अजय नंदन 10 जुलाई को कटरा विधायक वीर विक्रम सिंह को पत्र भेजा। विधायक ने कहा कि प्रधानमंत्री और रेलमंत्री को पत्र भेजकर ट्रेन का संचालन फिर से शुरू करने का अनुरोध करेंगे।
क्या है काकोरी कांड
भारत पर अंग्रेजों के शासनकाल का अंत करने के लिए देश के वीर सपूतों ने कई क्रांतिकारी आंदोलन किए। इन्हीं में से एक है काकोरी कांड। काकोरी कांड को आंदोलन तो नहीं कह सकते हैं, लेकिन ये वो घटना थी जो अंग्रेजी हूकूमत के मुंह पर एक जोरदार तमाचा थी। काकोरी ट्रेन लूट कांड में क्रांतिकारियों ने 4600 रुपये लूटे थे। लखनऊ सहारनपुर लखनऊ ट्रेन को पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खां, राजेंद्र लाहिड़ी और रोशन सिंह ने नौ अगस्त 1925 की रात को लूटकर अंग्रेजी हुकूमत पर बड़ी चोट की थी। हुकूमत के खजाने को लूटने की यह घटना काकोरी और आलमनगर के बीच ट्रेन में होने की वजह से इसका नाम काकोरी कांड दिया गया।
अंग्रेजी सरकार ने खर्च किए थे 10 लाख रुपये
इस घटना में शामिल क्रांतिकारियों को गिरफ्तार करने के बाद पहले रोशनुद्दौला कोठी, फिर रिंग थिएटर में 10 महीने मुकदमा चला। इस प्रक्रिया में अंग्रेजी सरकार ने करीब 10 लाख रुपये खर्च किए थे। जिस तरह पुलिस चौकी को जलाने की वजह से गोरखपुर का चौरी चौरा कांड इतिहास में दर्ज है, उसी तरह काकोरी ट्रेन लूट की घटना भी स्वतंत्रता आंदोलन में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।