एसआइटी के पास पहुंचा बरेली डीएम के साथ ईनामी शराब माफिया का वायरल फोटो, तलाश में जुटी खुफिया टीमें
Bareilly Crime News इनामी शराब माफिया मनोज जायसवाल को पनाह देने वाला शख्स ही फरार इनामी शराब माफिया अजय जायसवाल का भी राजदार है। डीएम के साथ वायरल फोटो जांच में जुटी लखनऊ एसआइटी तक पहुंच गई है।

बरेली, जेएनएन। Bareilly Crime News : इनामी शराब माफिया मनोज जायसवाल को पनाह देने वाला शख्स ही फरार इनामी शराब माफिया अजय जायसवाल का भी राजदार है। डीएम के साथ वायरल फोटो जांच में जुटी लखनऊ एसआइटी तक पहुंच गई है। लिहाजा, जांच टीम अब फोटो में शामिल लोगों की तलाश में जुट गई है। चर्चा है कि खुफिया एजेंसियों के जरिए एसआइटी फोटो में शामिल लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है। फोटो में शराब कारोबार से जुड़े अन्य लोगों के भी शामिल होने की बात सामने आई है।
टपरी डिस्टलरी प्रकरण में सौ करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी में फंसे कई आरोपित सलाखों के पीछे हैं। 25 हजार का इनामी मनोज जायसवाल भी धर लिया गया। उसकी गिरफ्तारी के बाद सर्वाधिक चर्चा का विषय बना 25 हजार के इनामी के साथ तत्कालीन डीएम मानवेंद्र सिंह की बैठक का फोटो। यह तब था जब पहले ही मनोज के बार के लाइसेंस बहाल किये जाने को लेकर सवाल खड़े हो चुके थे। मामला लखनऊ तक पहुंचा था, तब आबकारी विभाग के अफसर हरकत में आए। आनन-फानन में फिर कार्रवाई शुरू हुई।
डीएम के आदेश के विरुद्ध आबकारी अधिकारी कमिश्नर आबकारी कोर्ट में गए। ऐसे में माफिया की गिरफ्तारी के बाद वायरल फोटो कई सवाल खड़े कर रहा है। खुफिया एंजेसियाें की मानें तो फोटो में शराब कारोबारियों के लिए अफसरों से लाइनजिंग का काम करने वाला शख्स भी शामिल है। ऐसे में अंदेशा है कि लाइजनिंग करने वाला शख्स ही मनोज के लिए मददगार था। उसी के जरिए मनोज डीएम तक पहुंचा था। ऐसे में इनामी शराब कारोबारी अजय जायसवाल की गिरफ्तारी के लिए जुटी टीम फोटो में शामिल लाइजनिंग करने वाले शख्स के साथ अन्य की जानकारी कर उस तक पहुंचने में जुट गई हैं। शनिवार को खुफिया टीमों ने गुपचुप तरीके से फोटो में शामिल लोगों के बारे में जानकारी जुटाई।
पकड़ा गया ट्रक छोड़ने की थी तैयारी
पूरे प्रकरण में हर रोज हैरान कराने वाली कहानी सामने आ रही है। मार्च 2021 में एसओजी की टीम ने एक ट्रक शराब पकड़ी थी। शराब के साथ चालक गिरफ्तार किया गया था। उसकी ने शराब मनोज जायसवाल के होने की बात बताई थी। इसी के बाद उस पर मुकदमा दर्ज किया गया था। मामला टपरी डिस्टलरी से जुड़ा पाया गया जिसके बाद जांच एसआइटी को सौंप दी गई थी। उसी के बाद से शिकंजे में आए शराब माफियाओं पर इनाम घोषित हुआ। एक अधिवक्ता के मुताबिक, मामले में चालक ने ट्रक छुड़वाने के लिए अदालत में अर्जी डाली थी।
अदालत ने मामले में डीएम कार्यालय से रिपोर्ट मांगी तो भेजी ही नहीं गई। इसी के बाद ट्रक रिलीज कराने की तैयारी शुरू हो गई लेकिन, एसआइटी को भनक लगते ही उसने अदालत में रिपोर्ट दी। इसी के बाद ट्रक रिलीज होने का रास्ता बंद हो गया। अधिवक्ता के मुताबिक, यदि एसआइटी को समय रहते मामले की भनक न लगती तो मिलीभगत कर ट्रक रिलीज कराने की पूरी पटकथा लिखी जा चुकी थी। ऐसे में साफ है कि मामले में कदम-कदम पर पूरे सिस्टम शराब माफियाओं के लिए काम कर रहा था। माफिया डीएम के साथ बैठ रहा था। लिहाजा, कोई बोलने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा था।
इनामी अजय की गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिश
इनामी शराब माफिया अजय जायसवाल की गिरफ्तारी के लिए शनिवार को कई टीमों ने शहर में इज्जतनगर व अन्य स्थानों पर दबिश दी। हालांकि, पूछने पर चुनाव के तहत सामान्य प्रक्रिया की बात बताई। पुलिस टीम की दबिश की इज्जतनगर व बारादरी क्षेत्र में चर्चा रही।
जिले भर में शराब की दुकानों पर चेकिंग, बार कोड का सत्यापन
लखनऊ तक मामले की गूंज के बाद अब जिले में आबकारी व पुलिस महकमा जागा है। चुनाव का हवाला देते हुए पूरे जिले में बड़े पैमाने पर शनिवार को शराब की दुकानों में आबकारी ने पुलिस की मौजूदगी में चेकिंग की। शराब की बाेतलों पर लगे बार कोड का सत्यापन किया गया। जांच में सब कुछ आल इज वेल का हवाला दिया गया।
संस्था ने पेश की सफाई
मामले में इनामी शराब माफिया मनोज जायसवाल व उनकी पत्नी कनुप्रिया जायसवाल की सामाजिक संस्था छोटी सी आशा के सदस्यों के साथ फोटो वायरल हुई। इस मामले में संस्था की अध्यक्ष पारुल मलिक ने बताया कि कनुप्रिया जायसवाल संस्था की सदस्य हैं। उनका जन्मदिन संस्था से जुड़े असक्षम बच्चों संग मनाया। उसी में मनोज जायसवाल भी शामिल हैं। उनके मुकदमे में फंसने की जानकारी थी लेकिन, सभी संस्था का हिस्सा है तो उन्हें अलग कैसे कर सकते हैं।
मामला संज्ञान में आया है। इस पूरे प्रकरण में यथा नियमानुसार जो भी तथ्य सामने आएंगे। उनके अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी।- शिवाकांत द्विवेदी, डीएम
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