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    अजब-गजब हाल : सरकारी योजना को पलीता लगा रहा जल निगम, साढ़े तीन वर्ष में भी 782 घरों में नहीं हो सकी जलापूर्ति

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 09:21 PM (IST)

    जल निगम की लापरवाही से एक सरकारी योजना विफल हो रही है। साढ़े तीन साल में भी 782 घरों तक पानी नहीं पहुंचा है। योजना में देरी और भ्रष्टाचार के आरोपों से जनता में आक्रोश है। अधिकारीयों की लापरवाही के कारण योजना का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है।

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    न‍िर्माणाधीन पानी की टंकी

    संवाद सूत्र, जागरण, बिशारतगंज, आंवला। केंद्र सरकार की प्राथमिकता में शामिल हर घर नल-हर घर जल परियोजना में जल निगम ग्रामीण और कार्यदायी संस्था की मनमानी-लापरवाही हावी है। आंवला के बेहटा बुजुर्ग गांव में इसकी बानगी देखने को मिलती है। सोमवार को जागरण टीम ने गांव में परियोजना के तहत किए गए कार्यों की पड़ताल की तो स्थिति संतोषजनक नहीं मिली।

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    गांव में 782 घरों के सापेक्ष में 70 प्रतिशत घरों में ही पाइपलाइन पहुंच सकी है, इसमें भी कनेक्शन के बाद 30 प्रतिशत से अधिक घरों में टोटी ही नहीं लगाया गया है। ग्रामीणों के अनुसार, इसकी शिकायत करने के लिए प्रधान और अन्य अधिकारियों के पास जाते हैं तो सिवाय सबकुछ ठीक करा लेने का आश्वासन देकर लौटा दिया जाता है।

    स्थिति यह है कि गांव में अब तक पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है। ओवरहेड टैंक अधूरा होने के चलते डायरेक्ट सप्लाई के जरिए कुछ बूंदें गांव के लेागों को आपूर्ति कर जरूर आने वाले कल में शुद्ध जल मिलने की आस बंधा दी जाती है। आंवला क्षेत्र में जल जीवन मिशन के अंतर्गत 184 गांव में हर घर तक जल पहुंचाने के लिए जल निगम ग्रामीण ने हैदराबाद की नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी काे जिम्मेदारी दी।

    तहसील क्षेत्र के बेहटा बुजुर्ग में भी परियोजना के तहत ओवरहेड टैंक निर्माण की शुरुआत चार अगस्त 2022 को की गई। तीन फरवरी 2024 तक परियोजना को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया। गांव में 782 घरों में निवास करने वाले 4980 लोगों को हर घर जल का लाभ पहुंचाना था इसके लिए गांव में कुल 7543 मीटर लाइन भी बिछानी थी।

    मगर तय लक्ष्य के डेढ़ वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी परियोजना अधूरी पड़ी है। गांव के लोगों को अब भी नियमित जलापूर्ति नहीं मिल पा रही है। जबकि परियोजना के तहत प्रत्येक दिन सुबह 6.30 से 8.30 व शाम 4.30 से 6.30 आपूर्ति होनी थी। लेकिन गांव में बन रहा आवेरहेड टैंक अब तक अधूरा पड़ा है। नलकूप बन चुका है, सोलर सिस्टम भी लगा दिया गया है।

    ग्रामीणों का कहना है गांव में अधिकतर घरों तक पाइपलाइन भी नहीं पहुंची है। साथ ही 100 से अधिक घरों में कनेक्शन के बाद टोटी तक नहीं लगाई गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि परियोजना के तहत लाइन तक गांव के चारों तक पहुंच गई है लेकिन जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। इसकी शिकायत के बाद भी कोई सुनने वाला है।

     

    गांव में पाइपलाइन बिछाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अगर कुछ घरों में कनेक्शन के बाद टोटियां नहीं लगाई हैं तो इसे दिखवाया जाएगा। वर्तमान में डायरेक्ट सप्लाई की जा रही है, ओवरहेड टैंक बनते ही नियमित जलापूर्ति की जाएगी।

    - कुमकुम गंगवार, एक्सईएन, जल निगम ग्रामीण