सेना के पैटर्न पर चलता है बरेली का सॉल्वेशन आर्मी चर्च
बरेली, जेएनएन: शहर के बड़े डाकघर के सामने वाली सड़क पर स्थित सॉल्वेशन आर्मी चर्च में सेना की तरह रहन स
बरेली, जेएनएन: शहर के बड़े डाकघर के सामने वाली सड़क पर स्थित सॉल्वेशन आर्मी चर्च में सेना की तरह रहन सहन है और पद का आवंटन भी सेना के अधिकारियों की तरह ही है। यहां का पूरा पैटर्न सेना की तरह ही चलता है। मानते हैं कि सेना शारीरिक रूप से दुश्मनों से लड़कर सुरक्षित करती है, जबकि चर्च के लोग आध्यात्मिक तौर पर लोगों को बुराइयों से लड़ने को मजबूत करते हैं। सेना की तरह ही सॉल्वेशन आर्मी चर्च में भी अनुशासन सबसे ऊपर है।
सॉल्वेशन आर्मी चर्च की स्थापना वर्ष 1898 में मेजर सत्या सिंह ने की थी। बताते हैं कि यह चर्च इंग्लैड की सॉल्वेशन चर्च का हिस्सा है। इस संस्था की शुरुआत जनरल विलियम बूथ ने की थी। संस्था के कार्यों से प्रभावित होकर सबसे पहले बिहार के एक डिप्टी कमिश्नर इसके साथ जुड़े थे। बाद में उन्होंने ही पूरे भारत चर्च की स्थापना के लिए लोगों को जोड़ा। बताया कि चर्च में लोगों को मोटीवेट किया जाता है। लोगों को बुराइयां त्याग कर अच्छे विचारों को ग्रहण करने की ओर अग्रसर किया जाता है। यहां के पादरी या कहें डिवीजन कमांडर मेजर कैलाश मसीह ने बताया कि यहां सबकुछ आर्मी की तरह ही होता है। यहां आने वाली प्रशिक्षुओं को कैडेट कहा जाता है। उनकी ट्रेनिग पूरी होने के बाद जबकि किसी संस्था में तैनात किया जाता है तो उन्हें लेफ्टीनेंट कर्नल का पद दिया जाता है। बताया कि बरेली में सॉल्वेशन आर्मी चर्च का यह मंडल मुख्यालय है। यहां से दस अन्य चर्च संचालित होती हैं जो ट्रांसपोर्ट नगर, करेली, राजपुरकला, खैलम, नकटिया, लखीमपुर गोला के बाबूपुर, पूरनपुर के पिपरिया में हैं।
तीन मिलिट्री संचालित करती चर्च
बरेली की यह सॉल्वेशन आर्मी चर्च तीन मिलिट्री भी संचालित करती है। इसमें सोशल मिलिट्री, मेडिकल मिलिट्री और एजूकेशन मिलिट्री शामिल है। सॉल्वेशन आर्मी चर्च की यह तीनों मिलिट्री ही समाज के लोगों की मदद में कार्यरत रहती है। कई लोगों को मेडिकल, सामाजिक और शिक्षा के लिए मदद की जा रही है।
सादगी से मनाया जाएगा क्रिसमस
डिवीजन कमांडर मेजर कैलाश मसीह ने बताया कि क्रिसमस पर इस बार कोई खास कार्यक्रम नहीं किए जा रहे हैं। चर्च से जुड़े लोगों को इसका संदेश दे दिया गया है। यहां आराधना करने वाले लोग आधा घंटे से ज्यादा नहीं रुकेंगे। भीड़ न रहे इसके लिए लोगों को अलग अलग समय आने को कहा गया है। प्रार्थना सभा में भी कोविड नियमों का ध्यान रखा जाएगा।