Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Solid Waste Management Plant : 24 करोड़ जारी... फिर भी बरेली में तैयार नहीं हो सका इंफ्रास्ट्रक्चर, जानिए वजह

    By Ravi MishraEdited By:
    Updated: Sun, 08 Aug 2021 01:09 PM (IST)

    Solid Waste Management Plant सरकारी सिस्टम में फंसे ग्राम सथारपुर के सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए शासन ने मार्च में ही 24 करोड़ की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। प्लांट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयारी करने में लापरवाही बरती गई।

    Hero Image
    Solid Waste Management Plant : 24 करोड़ जारी... फिर भी बरेली में तैयार नहीं हो सका इंफ्रास्ट्रक्चर, जानिए वजह

    बरेली, जेएनएन। Solid Waste Management Plant : सरकारी सिस्टम में फंसे ग्राम सथारपुर के सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए शासन ने मार्च में ही 24 करोड़ की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। प्लांट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयारी करने में लापरवाही बरती गई। सिर्फ गेट और बाउंड्रीवॉल ही तैयार हो सके। दैनिक जागरण ने लेटलतीफी की वजह टटोली। अधिकारियों का कहना था कि शासन ने प्रस्ताव की जांच करने के बाद पांच करोड़ रुपये से अधिक रकम होने की जांच पीएफएडी से कराई गई। करीब हफ्ते भर पहले पीएचईडी से प्रस्ताव की जांच पूरी होकर आ गई है। लेकिन मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए अभी भी शासनादेश का इंतजार है। इस बीच शासन ने कार्यदायी संस्था के तौर पर सीएनडीएस को काम दिया है। अब सीएनडीएस को प्लांट चलाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सवाल : टेंडर होने के बावजूद सड़क चौड़ीकरण अभी तक क्यों नही हुआ

    लखनऊ हाईवे से सथारपुर स्थित सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की भूमि तक पहुंचने कि करीब सवा सौ मीटर दूरी है। फिलहाल वहां गांव के हिसाब से करीब साढ़े तीन मीटर चौड़ी सड़क बनी हुई है। प्लांट बनने पर नगर निगम के वाहन शहर से कूड़ा लेकर वहां पहुंचेंगे। इसके लिए संपर्क मार्ग को भी चौड़ा किया जाना है। नगर निगम सड़क चौड़ी करने के लिए किसानों से जमीन ले रहा है। करीब चार मीटर भूमि किसानों से ली जानी है। सड़क को चौड़ा करने के लिए नगर निगम ने दिसंबर 2020 में टेंडर किए थे, लेकिन जमीन तक नहीं ली जा सकी। पर्यावरण अभियंता के अनुसार कार्यदायी संस्था को इंटीमेशन लेटर दे दिया गया है।

    कंपनी तय करने में लेटलतीफी से प्रोजेक्ट नहीं हो सका शुरू

    प्लांट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में ही सिर्फ देरी नहीं हुई। प्लांट संचालन के लिए कंपनियों को भी आमंत्रित नहीं किया गया है। संचालन के लिए चुने जाने वाली कंपनी को एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट कराना जरूरी होता है। इसके साथ ही एनवायरमेंट क्लीयरेंस भी लेनी होगी। इन औपचारिकताओं की पूर्ति के बाद संबंधित कंपनी प्लांट का संचालन शुरू कर पाएगी।

    जागरण टीम को मौके पर सिर्फ बाउंड्रीवाल मिली

    दैनिक जागरण की टीम ने सथरागांव में प्लांट पर पहुंचकर जायजा लिया। सिर्फ बाउंड्रीवाल का निर्माण ही मौके पर मिला। प्लांट में शेड, यार्ड बनाने का काम शुरू नहीं हुए हैं। फिलहाल अधिकारियों का दावा छह महीने में कूड़ा निस्तारित कराने का है।

    शासनादेश जारी होने के हफ्ते भर में निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। काम में हमारी तरफ से कोई देरी नहीं की गई है। औपचारिकताओं की वजह से देरी हो रही है। - संजीव प्रधान, पर्यावरण अभियंता