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    3 बाईपास को मिली जमीन, यूपी से उत्तराखंड तक बढ़ेगी गाड़ियों की रफ्तार; बरेली-सितारगंज हाईवे निर्माण ने पकड़ी स्पीड

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 01:54 PM (IST)

    बरेली-सितारगंज हाईवे के निर्माण में तेजी आई है क्योंकि बरेली-पीलीभीत पैकेज में तीन जगहों पर बाईपास के लिए भूमि पर कब्जा मिल गया है। राजस्व विभाग ने अतिक्रमण हटाकर एनएचएआई को जमीन सौंपी है। पहले पैकेज का 40फीसदी काम पूरा हो चुका है और जून तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। दूसरे पैकेज पीलीभीत-सितारगंज में भी तेजी लाने का प्रयास है।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, बरेली। रुहेलखंड मुख्यालय से पीलीभीत होते हुए उत्तराखंड के सितारगंज तक वाहनों की रफ्तार जल्द बढ़ जाएगी। बरेली-सितारगंज हाईवे निर्माण में बरेली-पीलीभीत पैकेज में तीन जगह अवरोध आ रहे थे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारी राजस्व विभाग से लगातार पत्राचार कर रहे थे।

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    सितारगंज हाईवे के अवरोध खत्म, निर्माण कार्यों की बढ़ी रफ्तार

    बाईपास के लिए चयनित भूमि पर कब्जा नहीं मिल पा रहा था। प्रशासन ने अतिक्रमण हटवाकर भूमि पर कब्जा दिला दिया है। इससे निर्माण की रफ्तार बढ़ गई है। दावा किया जा रहा है कि अगले साल वर्षा का सीजन शुरू होने से पहले निर्माण पूरा हो जाएगा।

    बरेली-पीलीभीत पैकेज में तीन जगह बाईपास के लिए जमीन पर मिला कब्जा

    • बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाईवे का निर्माण दो पैकेज में कराया जा रहा है।
    • पहले पैकेज में बरेली-पीलीभीत के बीच अब तक 40 प्रतिशत काम हो चुका है।
    • बरेली से पीलीभीत तक 32.50 किमी के एरिया में तीन बाईपास रिठौरा, नवाबंज-हाफिजगंज और जहानाबाद बनाए जा रहे हैं।
    • बरकापुर में 300 मीटर, लाड़पुर उस्मानपुर में 500 मीटर, फरीदपुर गंगा उर्फ नवादा में 300 मीटर जमीन पर एनएचएआई को कब्जा नहीं मिल पा रहा था।
    • चयनित भूमि का मुआवजा भी वितरण कराया जा चुका था, लेकिन अतिक्रमण होने के कारण इसकी वजह से कार्य में अवरोध बना हुआ था।

    अब तक 40 प्रतिशत हुआ काम, आगामी जून माह तक निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य

    एनएचएआई के अधिकारी इसके लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए थे। महीनों की मशक्कत के बाद राजस्व विभाग ने तीनों स्थानों से अतिक्रमण हटवाकर कार्यदायी संस्था को भूमि पर कब्जा दिला दिया है।

    एनएचएआई के प्राेजेक्ट मैनेजर अश्वनी चौहान ने बताया कि बरसात के कारण निर्माण की गति धीमी हुई थी। बाईपास के लिए चयनित भूमि पर कब्जा न मिलने से भी अवरोध बना हुआ था। तीनों जगह जमीन पर कब्जा मिल जाने के बाद निर्माण की गति तेज हो गई है। आगामी जून माह तक निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा।

    पीलीभीत-सितारगंज पैकेज में कार्य की गति धीमी

    निर्माणाधीन हाईवे के दूसरे पैकेज पीलीभीत-सितारगंज की लंबाई 38 किमी है। भूमि अधिग्रहण के बाद प्रशासन ने जमीन पर कब्जा मिल चुका है, लेकिन वन विभाग की एनओसी मिलने में विलंब हुआ था। इसकी वजह से इस पैकेज में निर्माण भी देरी से शुरू हुआ था। एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि दूसरे पैकेज में भी निर्माण की गति बढ़ाई जा रही है।

    बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाईवे निर्माण की गति तेज हुई है। बरेली-पीलीभीत पैकेज में अवरोध खत्म हो चुके हैं। गुणवत्ता की जांच निरंतर की जा रही है। आगामी बरसात का सीजन शुरू होने से पहले बरेली-पीलीभीत के बीच का कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा। पीलीभीत-सितारंगज पैकेज का काम विलंब से शुरू हुआ था, इसलिए यह पूरा होने में थोड़ा वक्त लगेगा। - नवरत्न, परियोजना निदेशक एनएचएआई