Shri Krishna Janmastami 2022: बरेली में झमाझम बारिश के बीच गूंजा, भए प्रगट कृपाला दीनदयाला
Shri Krishna Janmastami 2022 बरेली में झमाझम बारिश के बीच रात बारह बजते ही मंदिरों और घरों से घंटे शंख घरियारों की आवाजें सुनाई देने लगी।कुछ ही देर म ...और पढ़ें

बरेली, जागरण संवाददाता। Shri Krishna Janmastami 2022 : भादो मास में अष्टमी की रात आसमान पर काली घटा छा गई। पल भर में वर्षा लोगों को तर-बतर करने लगी। घड़ी की सुई 12 पर पहुंचते ही मंदिरों में घंटे-घड़ियाल बजने लगे। भगवान श्रीकृष्ण के जयकारे श्रद्धालुओं के कंठ से निकलने लगे।
पूरा शहर आकर्षक बिजली की रंगीन झालरों, फूलों व अन्य साज-सज्जा के सामान से जगमगा उठा। जब श्रीकृष्ण का प्राकट्य हुआ तो हर घर, मंदिर में भये प्रकट गोपाला, दीन दयाला, यसमत हितकारी, हरशित महतारी... समेत अन्य गीत गूंजने लगे।
मंदिरों में ढोल, नगाड़े और आरती का स्वर लहरियों के बीच भक्त अपने लड्डू गोपाल (Laddu Gopal) को माखन मिश्री का भोग लगाते नजर आए। मंदिरों और घरों में बाल कृष्ण को पालने में झुलाया गया। शहर के विभिन्न स्थानों पर झांकियां सजाई गई। भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्योत्सव के साथ ही आसमान में फुलझड़ियां छूटने लगीं, आतिशबाजी का दौर शुरू हो गया।

मनमोहक झांकियों ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर पूजन-अर्चन किया। पुलिस थानों में जन्मोत्सव पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishna Janmastami) हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से मनाई गई। शहर व गांव हर स्थान पर जन्माष्टमी की धूम रही।
लोगों ने जन्माष्टमी पर उपवास रखकर विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। मंदिरों को फूलों और रंग-बिरंगी झालरों से काफी खूबसूरत ढंग से सजाया गया। शहर के विभिन्न मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण-राधा की मनमोहक झांकियां सजाई गईं। रात में मंदिरों में लडडू गोपाल को झूला झूलाने के लिए लोगों की लंबी-लंगी कतारें लग गईं।

कतारों में लगकर अपनी बारी आने पर लोगों ने लडडू गोपाल को पालने में झूला झुलाया। कई रोज पहले से ही लोगों ने जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू कर दी थीं। जन्माष्टमी की तैयारियों में लोग शुक्रवार को सुबह से ही जुट गए।
घरों में पूजास्थलों की साफ-सफाई कर राधा-कृष्ण की मूर्तियों को स्नान कराकर उन्हें सुंदर-सुंदर नए वस्त्र पहनाए, मोर पंख का मुकुट और बांसुरी आदि से लडडू गोपाल को सजाकर उन्हें सजे हुए पालने में बैठाया। कई मुहल्लों में श्रीकृष्ण और राधा की वेशभूषा में सजे बच्चों की झांकियां सजाई गईं।

श्री हरि मंदिर:
माडल टाउन स्थित श्री हरि मंदिर (Shri Hari Tample) में जन्माष्टमी वार्षिक महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। शाम सात बजे से कार्यक्रम शुभारंभ हुआ। महिला कमेटी द्वारा संकीर्तन किया गया। इसमें मैं जहां बी रहूं बरसाना मिले..., कान्हा जन्मे आधी रात..., मैंने मोहन को बुलाया है वो आता होगा...। आदि भजनों से श्री हरि मंदिर प्रांगण कृष्णमय हो गया। यहां ठाकुरजी की मनोहारी छवि, दिव्य, अलोकिक श्रृंगार के दर्शन, पुष्प सज्जा, फूल बंगला का विशेष आकर्षण रहा।
ठाकुर जी का दिव्य स्नान पंचगव्यों से आचार्यों द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ कराया गया। रात्रि 12 बजे के प्राकट्योत्सव, बधाई गीत, प्रसाद वितरण के साथ संपन्न हुआ। सचिव रवि छाबड़ा, संजय आनंद, जितिन दुआ, अश्वनी ओबराय, योगेश ग्रोवर, संजय गोयल, रेनू छाबड़ा, कंचन अरोरा आदि रहे।
श्री बांके बिहारी मंदिर:
राजेंद्र नगर स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई गई। मंदिर प्रांगण को सुंदर लाइटों से सजाने के साथ ही भगवान के सभी स्वरूपों को सुंदर पोशाकों से श्रृंगार किया गया था। महिला मण्डल के द्वारा भजनों द्वारा श्री ठाकुर जी का प्राकट्योत्सव मनाया गया। इस दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
मीडिया प्रभारी नितिन भाटिया ने बताया की इस बार पिछले कई वर्षों की तुलना में कई गुना अधिक श्रद्धालुओं ने श्री बिहारी जी के दर्शनों का लाभ लिया। इस दौरान विनोद, दिनेश तनेजा आदि रहे।
इस्कान मंदिर :
पीलीभीत बाइपास रोड स्थित इस्कान मंदिर (Iscon Temple) में महाआरती एवं छप्पनभोग लगाए गए। मंदिर प्रांगण में मंडलभर से आए इस्कान भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण जी का अभिषेक किया। क्षेत्रवासियों ने भारी संख्या में भगवान श्री कृष्ण जी के दर्शन की साथ ही अपने नन्हे मुन्ने बच्चों को भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप बनाकर मंदिर में भ्रमण कराया। मंदिर में बड़ी सुंदर-सुंदर झांकियां सजाई गई थी। मंदिर कमेटी के संस्थापक सदस्य गिरधर गोपाल, भीम अर्जुन दास आदि रहे।
जिला कारागार में मनाई गई जन्माष्टमी
जिला कारागार में शुक्रवार को कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव मनाया गया। कारागार के बंदियों ने भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़ी लीलाओं की प्रस्तुति दी। वरिष्ठ जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला ने पूजन कराया। प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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