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    Shahjahanpur News: डाक्‍टर ने मुस्लिम दंपती को बेच दी हिंदू महिला की सातवीं बेटी, हंगामे के बाद अस्‍पताल सील

    By Ravi MishraEdited By:
    Updated: Thu, 08 Sep 2022 09:44 PM (IST)

    The doctor sold the girl born in the hospital मुस्लिम दंपती को बच्ची गोद दिए जाने की जानकारी दोपहर बाद विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री राजेश अवस्थी को मिली तो उन्होंने नवजीवन अस्पताल के संचालक डा. अशोक राठौर से फोन पर बात की।

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    The doctor sold the girl born in the hospital : हिंदू महिला को बेटी वापस करते मुस्लिम नईम। जागरण

    शाहजहांपुर, जागरण संवाददाता। The doctor sold the girl born in the hospital : बेटे की चाहत में महिला ने सातवीं बेटी को जन्म दिया। अस्पताल संचालक के कहने पर उन्होंने नि:संतान मुस्लिम दंपती को गोद दे दिया। हिंदू संगठन ने जमकर हंगामा किया तो दंपती ने अस्पताल संचालक पर बच्ची को बेचने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। भाजपा विधायक के हस्तक्षेप के बाद आनन-फानन में अस्पताल भी सील कर दिया गया।

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    निगोही के गांव तिलोका निवासी रमाकांत की पत्नी संगीता देवी ने बुधवार देर शाम बच्ची को कस्बे के नवजीवन अस्पताल में जन्म दिया था। दंपती ने गांव के नईम अहमद व उनकी पत्नी शाजिया को बच्ची गोद दे दी। सादे कागज पर इसकी लिखापढ़ी भी कर ली। रमाकांत ने गुरुवार को गांव वालों को बता दिया कि बच्ची मृत पैदा हुई थी।

    मुस्लिम दंपती को बच्ची गोद दिए जाने की जानकारी दोपहर बाद विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री राजेश अवस्थी को मिली तो उन्होंने नवजीवन अस्पताल के संचालक डा. अशोक राठौर से फोन पर बात की। कहा कि बच्ची को तत्काल वापस कराओ। अन्यथा उन पर कार्रवाई कराएंगे। इसके बाद डाक्टर ने रमाकांत व नईम को अस्पताल बुलाया। नईम से कहा कि बच्ची वापस ले लो।

    रमाकांत ने कहा कि उसने मृत बच्ची होने की बात सभी को बता दी है। इसलिए उसे वापस नहीं ले जा सकता। नईम का कहना था कि अब वह बच्ची को नहीं रखेगा। इस बारे में पता चलने पर राजेश अवस्थी विहिप व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ नवजीन अस्पताल पहुंचे तो डा. अशोक वहां से जा चुके थे। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए संचालक का पुतला फूंंका।

    इंस्पेक्टर अपराध पुष्पेंद्र सिंह चौहान पहुंचे और दोनों दंपती व बच्ची सहित सभी को वार्ता के लिए थाने ले गए। जहां राजेश अवस्थी ने कहा कि अस्पताल संचालक ने बच्ची को मुस्लिम दंपती को बेचा है। उनकी बच्ची के माता पिता से बात हुई है। इसलिए जब तक संचालक पर प्राथमिकी नहीं लिखी जाती वे लोग नहीं हटेंगे।

    बच्ची दे दो, नहीं लेंगे डिलीवरी का खर्च

    इसके बाद रमाकांत की ओर से तहरीर दी गई, जिसमें बताया कि डा. अशोक ने उनसे कहा था कि तुम्हारे पांच बेटियां पहले से हैं। पालन कैसे करोगी। बच्ची हमें दे दो। डिलीवरी का खर्च नहीं लेंगे। बच्ची एक परिचित को दे देंगे। जब वह घर पर गया तो अहसास हुआ कि डा. अशोक ने ठगी की है। वापस जाकर बच्ची मांगी को अशोक ने कहा कि बच्ची मुस्लिम दंपती को बेचकर फीस वसूल कर ली है। अब नहीं मिलेगी।

    विधायक ने कहा करो कार्रवाई

    इस हंगामे के बीच तिलहर विधायक डा. सलोना कुशवाहा ने सीएमओ डा. रामकिशोर गौतम से फोन पर बात की। उन्होंने अस्पताल संचालक पर कार्रवाई के लिए कहा। जिसके बाद एसीएमओ डा. रोहिताश वहां पहुंचे। अस्पताल संचालक के न मिलने पर उसे सील कर दिया।

    इसलिए बच्ची देने पर हो गया राजी

    बेटी को गोद देने के सवाल पर रमाकांत ने बताया कि उसकी यह उसकी सातवीं बेटी है। एक बेटी की मृत्यु हो चुकी है। सबसे बड़ी बेटी खुशबू 14 वर्ष तथा सबसे छोटी नन्ही की उम्र दो वर्ष है। रमाकांत ने बताया कि उसकी व पत्नी की इच्छा थी कि बेटे का जन्म हो, लेकिन इस बार भी बेटी पैदा हुई। उसके पास पांच बीघा जमीन ही है। पांच बेटियों का खर्च उठाना मुश्किल पड़ रहा था। इस बेटी का पालन अच्छे से हो सके इसलिए बेटी देने पर राजी हो गए।

    जिला मंत्री विहिप राजेश अवस्‍थी ने कहा कि अस्पताल संचालक पर प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ ही सख्त कार्रवाई कराएंगे। बच्ची को उसकी मां को दिला दिया है। अगर उसकी परवरिश में दिक्कत आएगी तो मदद करेंगे। जरूरत पड़ी तो बच्ची को हम गोद ले लेंगे।

    एसीएमओ डा. रोहिताश ने कहा कि यह अस्पताल अवैध रूप से संचालित हो रहा था। 15 दिन पहले संचालक डा. अशोक को नोटिस जारी कर कागज मांगे गए थे, लेकिन वह लेकर नहीं आया। बच्ची का प्रकरण भी गंभीर है। इसलिए अस्पताल में मौजूद मरीजों को हटाकर इसे सील कर दिया।

    एसपी एस आनंद ने कहा कि पूरे प्रकरण का संज्ञान लिया है। तहरीर मिल गई है। जांच कराई जा रही है। अगर अस्पताल संचालक ने बच्ची को बेचा है तो उसके खिलाफ प्राथमिकी लिखकर कार्रवाई होगी।