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    करनाल से मिला गन्ना किसानाें को मिठास का वरदान, किसानों के लिए स्वीकृत की सीओ 15023 गन्ना किस्म

    By Ravi MishraEdited By:
    Updated: Tue, 20 Jul 2021 07:40 AM (IST)

    सीओ 0238 गन्ना किस्म में लाल सड़न रोग लगने से परेशान किसानों चिंता दूर हो गई है। गन्ना प्रजनन संस्थान क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र करनाल से विकसित नई गन्ना किस्म सीओ 15023 को केंद्रीय प्रजाति स्वीकृति उपसमिति ने उत्तर प्रदेश के लिए भी स्वीकृत कर दिया है।

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    करनाल से मिला गन्ना किसानाें को मिठास का वरदान,

    बरेली, नरेंद्र यादव। सीओ 0238 गन्ना किस्म में लाल सड़न रोग लगने से परेशान किसानों चिंता दूर हो गई है। गन्ना प्रजनन संस्थान क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र करनाल से विकसित नई गन्ना किस्म सीओ 15023 को केंद्रीय प्रजाति स्वीकृति उपसमिति ने उत्तर प्रदेश के लिए भी स्वीकृत कर दिया है। शरदकालीन गन्ना बुवाई में शाहजहांपुर स्थित उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद से भी बीज शुरू हो जाएगा। नई किस्म सीओ 0238 के सापेक्ष अधिक चीनी परता देगी। जूस में सुक्रोज की मात्रा अधिक होने पर चीनी मिलों नवंबर के सापेक्ष अक्टूबर से ही चलाया संभव होगा।

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    उत्तर प्रदेश में करीब 48 लाख किसान 29 लाख हेक्टेयर में गन्ना खेती करते हें। वर्ष 2014 से 2020 तक प्रदेश में करनाल से ही विकसित शीघ्र पकने वाली गन्ना किस्म 0238 ने अधिक चीनी परता व उपज दर की वजह से प्रदेश में 80 फीसद से अधिक क्षेत्रफल पर कब्जा कर लिया था। लेकिन बीज जनित बीमारी रेड रॉट (लाल सड़न रोग) की चपेट में अाने की वजह से किसानों ने गन्ना बुवाई बंद कर दी। गन्ना प्रजनन संस्थान कोयंबटूर के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र करनाल ने अपने संस्थान से विकसित सीओ 0238 के बेहतर विकल्प के रूप में 15023 गन्ना किस्म का वरदान दे दिया। अखिल भारतीय शोध समन्वित परियोजना के तहत केंद्रीय प्रजाति स्वीकृति समिति ने इस किस्म को उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए स्वीकृत कर दिया है। जिसे प्रदेश सरकार ने भी अंगीकृत कर लिया है।

    दक्षिण भारत की दो गन्ना किस्म के निषेचन से तैयार हुई नई किस्म

    करनाल गन्ना प्रजनन संस्थान के ब्रीडर विज्ञानी डा. रविंद्र कुमार ने गन्ना प्रजनन संस्थान कोयंबटूर के तत्कालीन निदेशक डा. बख्शीराम समेत पांच विज्ञानियों के साथ मिलकर नई गन्न किस्म सीओ 15023 तैयार की है। गन्ना किस्म सीओ 0241 तथा सीओ 08347 का निषेचन कराया गया। नई गन्ना किस्म की राेग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है। ब्रीडर डा. रवींद्र कुमार का दावा है कि इस गन्ना किस्म में रेड रॉट समेत किभी तरह की बीमारी नहीं लगेगी।

    पौधा नर्सरी से बुवाई करने पर सीओ 0238 से ज्यादा से अधिक पैदावार

    नई गन्ना किसम के ट्रायल में 14.93 फीसद चीनी परता तथा 894.90 क्विंटल प्रति हेक्टेअर गन्ना उपज प्राप्त हुई है। लेकिन एक आंख के गन्ने की पौध तैयार करने के बाद खेती करने पर 1060 क्विंटल औसत उपज प्राप्त हुई। सीओ 0238 गन्ना किस्म के ब्रीडर डा. बख्शीराम ने पौध रोपाई से गन्ना खेती करने पर सीओ 15023 रिकवरी के साथ उपज दर में भी सीओ 0238 से बेहतर साबित हुई है।

    गन्ना प्रजनन संस्थान अनुसंधान केंद्र करनाल से विकसित सीओ 15023 गन्ना किस्म को पश्चिमी व मध्य उत्तर प्रदेश के लिए अंगीकृत कर लिया गया है। सीमित मात्रा में इस किस्म का बीज उपलब्ध है। शरदकालीन बुवाई में 50 क्विंटल केंद्रक बीज करनाल से मंगाया जाएगा। अगले वर्ष से पर्याप्त बीज उपलब्ध रहेगा। सीओ 0238 के विकल्प के रूप में अब तीन किस्म हो गई है। कोशा 13235 तथा कोलख 14201 का पर्याप्त बीज उपलब्ध है। डा. ज्योत्स्नेद्र सिंह, निदेशक, उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर

    चीनी मिल ट्रायल में सीओ 0238 के सापेक्ष सीओ 15023 गन्ना किस्म में अवधिवार जूस सुक्रोज की मात्रा

    गन्ना अवधि : सीओ 15023 - सीओ 0238

    आठ माह : 18.2 - 16.19

    दस माह : 19.67 - 18.37

    12 माह : 20.84 - 19.66