यूपी में Bijli Bill जमा करने में लाखों का घपला, बैंक कैशियर की करतूत सुन हैरान रह जाएंगे आप
Electricity Bill Scam यूपी में बिजली बिल जमा करने के नाम पर लाखों रुपये का घोटाला सामने आया है। पावर कारपोरेशन में सक्रिय एक गिरोह ने चेक के जरिए बिल ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बरेली । Electricity Bill Scam: विद्युत विभाग में गड़बड़ी रोकने के लिए वर्टिकल व्यवस्था लागू की गई है। इसके बाद भी गड़बड़ी नहीं रुक रही है। पावर कारपोरेशन में सक्रिय एक गिरोह ने चेक के जरिये बिल जमा कर लाखों रुपये क घपला किया है।
फर्जीवाड़ा में 38 चेक पकड़ में आए हैं, जिनमें से 36 चेक बाउंस हुए हैं। अधिशासी अभियंता ने कोतवाली में उपभोक्ताओं पर प्राथमिकी कराई है जबकि कैशियर को निलंबित कर दिया गया है।
अभी हाल ही में फरीदपुर में विजिलेंस की छापेमारी में विभाग के संविदा कर्मी के घर बिजली चोरी के साथ 98 मीटर बरामद हुए थे। संविदा कर्मी की सेवा समाप्त करने के बाद इस मामले में अभी जांच-पड़ताल चल ही रही है कि अब विभाग में उपभोक्ताओं से बिल की धनराशि नकद लेकर फर्जी चेक जमा करने का प्रकरण उजागर हुआ है।
उपभोक्ताओं को दी जाती थी रसीद
अर्बन क्षेत्र के कैशियर राहुल गुप्ता की मिलीभगत से बिल जमा होने के बाद उपभोक्ताओं को रसीद भी दे दिया जाता था, लेकिन चेक क्लियर नहीं होते थे। यह खेल पहले से चल रहा था, लेकिन अधिकारियों के संज्ञान में तब आया जब बैंक से चेक बाउंस होने की रिपोर्ट आई। जिन बिलों में फर्जीवाड़ा किया गया है वे विद्युत वितरण खंड ग्रामीण द्वितीय के हैं और इन बिलों को जमा विद्युत वितरण खंड नगरीय द्वितीय के यहां किया गया है।
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38 चेक पकड़े गए हैं, जिनमें से 36 बाउंस हुए हैं, जबकि दो चेकों पर हस्ताक्षर ही नहीं हैं फिर भी कैशियर ने चेक लेकर रसीद भी काट दी। जो चेक मिले हैं वे अनहर हुसैन, हिमांशु रंजन, ज्ञानेश्वरी देवी यागनिक, लव कुमार गौतम, कार्तिक इंटरप्राइजेज के अमित शर्मा के नाम से जारी किए गए हैं, जो कनेक्शनधारक के नाम से अलग हैं। बताते हैं कि कैशियर अर्बन क्षेत्र का है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के चेक लेकर रसीद काटता रहा है। लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बिना हस्ताक्षर के चेक लेकर भी रसीद काट दिए हैं।
अधिशासी अभियंता कामर्शियल सत्येंद्र चौहान ने बताया कि प्रथम दृष्टया कैशियर को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया है। जिनके चेक बाउंस हुए हैं उनके खिलाफ अधिशासी अभियंता ग्रामीण द्वितीय हरीश कुमार की ओर से कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। 38 चेक पर कितनी धनराशि की रसीदें कटी हैं वह नहीं बता सके।
बिजली चोरी के राजस्व निर्धारण में भी गड़बड़ी
विद्युत विभाग में बिल जमा करने के नाम पर किए जा रहे फर्जीवाड़ा में विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। विभाग में बिलों के निस्तारण में धांधली का यह मामला पहला नहीं है। कुछ दिनों पहले बिजली चोरी के मामले में राजस्व निर्धारण में एक अधिशासी अभियंता का नाम उछला था, उन्होंने बिना बिना वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति से राजस्व निर्धारण का संशोधन कर दिया था।
संशोधन किए गए पत्र 15 दिन बाद बाबू ने डिस्पैच किए थे। बाबू को यह तर्क देकर बचा लिया गया कि डाक टिकट न होने की वजह से रजिस्ट्री नहीं हो पाई थी। राजस्व निर्धारण में पटल सहायक, कैशियर, अधिशासी अभियंता, कंप्यूटर आपरेटर तक इस खेल में शामिल होते हैं।
बिजली के बिल जमा करने में उपयोग हुए 36 चेक बाउंस हुए हैं, जबकि दो चेक बिना हस्ताक्षर के लेकर रसीद काट दी गई है। इस मामले में कैशियर को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू करा दी गई है, जबकि जिनके चेक का उपयोग किया गया है उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। - ब्रह्मपाल सिंह, मुख्य अभियंता जोन प्रथम

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