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    रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने जारी की 1240 प्राध्यापकों की वरिष्ठता सूची- आपत्ति के लिए दिया इतने दिन का समय

    By Ankit ShuklaEdited By: Mohammed Ammar
    Updated: Sun, 22 Oct 2023 03:39 PM (IST)

    कुलसचिव ने कहा है वरिष्ठता निर्धारण के लिए महाविद्यालयों के प्रबंधन और प्राचार्य से नाम मांगे गए थे। इसके बाज रुवि की वरिष्ठता निर्धारण समिति ने फैसला ...और पढ़ें

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    रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने जारी की 1240 प्राध्यापकों की वरिष्ठता सूची

    जागरण संवाददाता, बरेली : महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने कैंपस और संबद्ध महाविद्यालयों में कार्यरत 1240 प्राध्यापकों के वरिष्ठता सूची जारी की है। इस वरिष्ठता सूची में राजकीय महाविद्यालयों के साथ ही अनुदानित महाविद्यालयों के शिक्षकों के नाम हैं।

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    एक तरफ विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ के महामंत्री डा. टीएस चौहान ने कहा कि अदालत से लेकर व्यक्तिगत शिकायतों तक हर लड़ाई लड़ी। दशहरा से पहले सूची जारी होने से शिक्षकों को लाभ मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ बरेली कालेज शिक्षक संघ ने प्राचार्य पर वरिष्ठता के लिए भेजी गई सूची में तमाम शिक्षकों के नाम न शामिल करने का आरोप लगाया है। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलसचिव अजय कृष्ण यादव की ओर से जारी वरिष्ठता सूची में 1240 शिक्षकों के नाम हैं।

    कुलसचिव ने कहा है वरिष्ठता निर्धारण के लिए महाविद्यालयों के प्रबंधन और प्राचार्य से नाम मांगे गए थे। इसके बाज रुवि की वरिष्ठता निर्धारण समिति ने फैसला लेकर सूची जारी की है। इसके साथ ही शिक्षकों से कहा गया है कि जिस किसी को कोई आपत्ति हो तो वह एक माह के अंदर विश्वविद्यालय में अपनी आपत्ति निर्धारित तरीके से भेज सकता है। सूची जारी होने के बाद कई महाविद्यालयों में विवाद खड़ा हो गया है।

    वहीं बरेली कालेज के शिक्षक संघ ने सूची भेजने में भेदभाव का आरोप लगाया है। शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल ने इस संदर्भ में प्राचार्य प्रोफेसर ओपी राय से मिलकर आपत्ति दर्ज की। शिक्षक संघ का कहना है कि प्राचार्य ने आधी अधूरी एवं गलत जानकारी विश्वविद्यालय को प्रेषित की। जिससे महाविद्यालय में एकल स्थानांतरण पर आए 27 शिक्षकों की पूर्व सेवाओं को विश्वविद्यालय ने जारी अंतरिम वरिष्ठ सूची में शामिल नहीं किया।

    साथ ही 33 नवनियुक्त शिक्षकों के नाम प्रेषित न किए जाने पर उन्हें विश्वविद्यालय की सूची में स्थान नहीं मिला। अन्य शिक्षकों के नाम ऊपर नीचे किए गए जो कि शिक्षकों के साथ धोखा है, अन्याय है। आरोप लगाया कि प्राचार्य ने शिक्षकों की जानकारी विश्वविद्यालय को प्रेषित करने से पूर्व सभी शिक्षकों को दिखाकर चेक कराया होता तो ऐसी गलती नहीं होती।