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    'उधार' के सहारे चल रहा माध्यमिक शिक्षा अभियान

    By Edited By:
    Updated: Mon, 03 Feb 2014 01:03 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, बरेली : माध्यमिक शिक्षा परिषद का राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान उधार की बैसाखियों पर चलने को मजबूर है। अभियान के तहत स्कूल तो खोल दिए गए लेकिन शिक्षकों की कमी से वो सपना पूरा नहीं हो सका, जो विभाग ने इन कॉलेजों के लिए देखा था। मजबूरन राजकीय इंटर कॉलेजों के कई शिक्षकों को यहां संबद्ध तो कर दिया गया लेकिन छात्रों की संख्या के ं अनुपात में यह आंकड़ा बेहद कम है। इसका नतीजा रहा कि केंद्र सरकार ने भी योजना को आगे बढ़ाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।

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    2012-13 में प्रदेश में प्रस्तावित 1348 कॉलेजों के निर्माण पर रोक लगा दी, जिसमें 19 स्कूल बरेली में बनने थे। हालांकि 2014 में उन कॉलेजों के निर्माण के निर्देश जारी हो गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से माध्यमिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए जुलाई 2010 में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 1131 कॉलेजों का निर्माण पूरे प्रदेश में हुआ। कॉलेज तो बन गए लेकिन उसमें पढ़ाने के लिए शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई। बाद में दूसरे कॉलेजों के शिक्षकों की मदद से कॉलेजों में प्रवेश लिए गए लेकिन छात्रों को जो लाभ योजना के तहत मिलने थे, वह नहीं मिल सके। जहां सात शिक्षक लगने थे, वहां एक शिक्षक पढ़ा रहा है। कक्षाएं सूनी पड़ी रहती हैं। माध्यमिक शिक्षा अभियान की बदहाल स्थिति को देखते हुए केंद्र ने 2012-13 के लिए प्रस्तावित 1348 कॉलजों का बजट ही नहीं जारी किया। अब जाकर प्रस्तावित कॉलेजों के निर्माण को हरी झंडी मिल सकी है। इसके तहत बरेली में भी 19 कॉलेज बनेंगे। लेकिन शिक्षकों की भर्ती का एलान अभी तक नहीं हुआ। पूर्व में बने कॉलेज ही शिक्षकों की राह देख रहे हैं।

    क्या थे उद्देश्य

    -प्रत्येक आठ किलोमीटर के दायरे में राजकीय कॉलेज स्थापित करना।

    -ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को माध्यमिक शिक्षा से जोड़ना।

    -शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार लाना।

    -योजना के तहत चलने वाले विभिन्न कार्यक्रमों से छात्रों को जोड़ना।

    -कॉलेज स्तर पर जागरूकता के कार्यक्रम चलाना।

    -कॉलेज में लाइब्रेरी से लेकर लैब की सुविधा उपलब्ध करना।

    -हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराना।

    -अंग्रेजी की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना।

    कितने लगने थे शिक्षक

    माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत खोले जाने वाले विद्यालयों में एक प्रधानाचार्य, सात शिक्षक, एक लिपिक व दो चपरासी की नियुक्ति होनी थी। कुल 1131 कॉलेजों का निर्माण अब तक हुआ जिसमें 9048 शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी जिसमें केवल महिला संवर्ग में पूरे प्रदेश में 3250 पदों पर भर्ती की गई जिसमें महज 1696 महिला शिक्षकों ने ज्वाइन किया। बरेली में योजना के तहत 18 कॉलेज बने में जिसमें 144 शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी लेकिन यहां केवल संबद्ध किए गए शिक्षकों के सहारे की कक्षाएं संचालित हो रही हैं।

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    राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत कॉलेजों को मंजूरी मिल गई जिनका निर्माण निर्देशानुसार शुरू कराया जाएगा। रही बात शिक्षकों को वो शासन का काम हैं। फिलहाल कोशिश रही है कि सभी कॉलेजों में कक्षाएं विधिवत संचालित कराई जाएं।

    केपी सिंह, डीआइओएस

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