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    बरेली में दो लाख कीमत से अधिक गेहूं-धान बेचने वालों के निरस्त होंगे राशनकार्ड

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 20 Aug 2021 07:18 PM (IST)

    संपन्न किसानों के राशनकार्ड निरस्त कर जरूरतमंदों तक खाद्यान्न पहुंचाने की कवायद शुरू हो चुकी है। निम्न आय वर्ग के लिए जारी होने वाले राशन कार्ड की सुविधा लेने वालों की आय पैमाने पर कसने के लिए शासन ने हाल में क्रय केंद्रों में बिके धान और गेहूं के ब्योरे को आधार बनाने के लिए कहा है। दो लाख रुपये से अधिक कीमत का गेहूं और धान बेचने वाले किसानों के राशनकार्ड निरस्त करने के लिए कहा है।

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    बरेली में दो लाख कीमत से अधिक गेहूं-धान बेचने वालों के निरस्त होंगे राशनकार्ड

    बरेली, जेएनएन: संपन्न किसानों के राशनकार्ड निरस्त कर जरूरतमंदों तक खाद्यान्न पहुंचाने की कवायद शुरू हो चुकी है। निम्न आय वर्ग के लिए जारी होने वाले राशन कार्ड की सुविधा लेने वालों की आय पैमाने पर कसने के लिए शासन ने हाल में क्रय केंद्रों में बिके धान और गेहूं के ब्योरे को आधार बनाने के लिए कहा है। दो लाख रुपये से अधिक कीमत का गेहूं और धान बेचने वाले किसानों के राशनकार्ड निरस्त करने के लिए कहा है।

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    शासन से नई व्यवस्था लागू होते ही, बरेली के जिला पूर्ति कार्यालय ने 1739 किसानों को खोज निकाला है। ये वही किसान हैं, जिन्होंने हाल में दो लाख रुपये से अधिक का खाद्यान्न बेचा। इनके कार्ड निरस्त करने के बाद निम्न आयवर्ग के जरूरतमंदों को नए राशनकार्ड जारी किए जाएंगे। शहर में तीन, देहात में दो लाख आय की सीमा

    राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र गृहस्थी राशनकार्ड धारकों को हर महीने शासन से नियमानुसार खाद्य सामग्री दी जाती है। अब नए राशन कार्ड बनवाने में लोगों को आय प्रमाणपत्र भी देना होता है। पूर्ति विभाग ने शहरी क्षेत्र में आय की सीमा तीन लाख रुपये व ग्रामीण क्षेत्र में आय सीमा दो लाख रुपये निर्धारित की है। राशन कार्ड जारी करने के पहले उनसे प्रशासन से प्रदत्त आय प्रमाण भी लिए जाते हैं। अधिकांश किसान तहसील में कम आय दिखाकर राशनकार्ड जारी करा लेते हैं। शहर में 64 तो ग्रामीण क्षेत्र में 79 फीसद बन सकते हैं कार्ड

    बरेली में नए राशनकार्ड बनाने के लिए चार हजार आवेदन लंबित चल रहे हैं। अधिक आय वर्ग वालों के राशनकार्ड निरस्त होने के बाद लंबित आवेदनों को फायदा मिलेगा। अधिकारियों के मुताबिक राशनकार्ड बनाने की सीमा तय है। विभाग 2011 में हुई जनगणना के आधार पर शहर में 64 फीसद व ग्रामीण क्षेत्र में 79 फीसद आबादी का ही राशनकार्ड तैयार कर सकता है। पात्रता गृहस्थी - 691926

    अंत्योदय - 99423 वर्जन

    शासनादेश आने के बाद हमनें किसानों को ढूंढा है, जिन्होंने दो लाख से अधिक का खाद्यान्न बेचा है। इनमें राशनकार्ड निरस्त किए जाएंगे।

    - नीरज सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी, बरेली