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    वोट चोरी कर सत्ता में आई भाजपा अब किसानों की जमीन पर नजर... बरेली में महापंचायत में राकेश टिकैत ने कही ये बातें

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 12:02 PM (IST)

    बरेली में किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने सरकार पर पूंजीपतियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन लूटी जा रही है और सरकार व्यापारियों का समर्थन कर रही है। टिकैत ने युवाओं के रोजगार किसानों की समस्याओं और एमएसपी पर भी बात की। उन्होंने किसानों से जमीन बचाने और संगठित रहने का आह्वान किया। भाकियू ने जिलाधिकारी को 13 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।

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    नेहरू युवा केंद्र में किसान महापंचायत को संबोधित करते राकेश टिकैत। जागरण

    जागरण संवाददाता, बरेली। भारतीय किसान यूनियन की महापंचायत में राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार और पूंजीपतियों के गठजोड़ पर जमकर प्रहार किया। कहा कि बरेली में प्रशासन ने जमीन की लूट मचा रखी है, यह नहीं चलेगा। विपक्षी राजनीतिक दल कह रहे वोट लूट लिए, किसान कह रहा जमीन लूट ली, नौजवान कह रहा नौकरी लूट ली। सवाल किया लुटेरा कौन है। खुद जवाब दिया पूंजीपति, जिन्हें सरकार संरक्षण दे रही है।

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    सरकार की नजर किसान की जमीन पर है। सरकार किसान को कमजोर कर रही है। भाजपा की सरकार व्यापारियों की है जो चाह रही है कि किसान नुकसान मान ले और खेत बेच दें। बेईमान दिल्ली की कलम है, उसका इलाज करना है। वैचारिक क्रांति से ही इलाज होगा।

    बोले- वोट चोरी कर सत्ता में आई भाजपा, किसानों की जमीन पर नजर

    मंगलवार को वह नेहरू युवा केंद्र मुख्यालय परिसर में किसानों को संबोधित कर रहे थे। कहा कि राहुल गांधी लगातार कह रहे हैं कि वोट चोरी किए जा रहे हैं। 2014 से वोट चोरी किए जा रहे हैं। इसी के बल पर भाजपा सत्ता में आई है और अब किसानों की जमीन लूटी जा रही है। रोजगार खत्म हो रहे हैं, स्कूल बंद हो रहे हैं। नौजवानों के सामने रोजगार की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। राहुल गांधी के आरोप लगाने कि भाजपा ईमानदारी से चुनाव नहीं जीत सकती का समर्थन करते हुए कहा टिकैत ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हो जा रहे हैं, भ्रष्टाचार के चलते नौजवानों से नौकरियां दूर होती जा रही हैं।

    ग्रेटर बरेली में बीडीए के किसानों की जमीन हड़पने का भी उठा मुद्दा

    किसानों की समस्याएं गिनाते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि खाद, बीज, बकाया गन्ना मूल्य, फसल बर्बाद कर रहे निराश्रित पशु जैसी समस्याएं बहुत हैं। इन समस्याओं का समाधान कराने के लिए ही लड़ाई लड़ी जा रही है। कहा कि सरकार पूंजीपतियों की है। पूंजीपतियों को ही बढ़ावा दिया जा रहा है। पूंजीपति किसान की जमीन कब्जा ले रहा है तो कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जबकि किसान एक ट्रॉली मिट्टी लेकर निकल जा रहा है तो सारे अधिकारी उसके पीछे पड़ जा रहे हैं। उदाहरण दिया कि किसान का दूध 40 रुपये लीटर बिक रहा है, जबकि कोल्डड्रिंक 50 रुपये लीटर बिक रही है। गाड़ी की उम्र निर्धारित कर दी जा रही है, दस साल बाद गाड़ी बेकार हो जा रही है। इससे पूंजीपतियों को ही फायदा पहुंच रहा है।

    टिकैत ने किया आह्वान, जमीन बचाओ, दशहरा पर हल की करें पूजा

    राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी की लड़ाई लड़ी जा रही है। संगठित रहने पर जोर देते हुए कहा कि सहकारी समिति स्तर पर मीटिंग और आंदोलन करें। पुलिस परेशान करे तो 72 घंटे थाने में जाकर बैठो। आह्वान किया कि गुटका, तंबाकू का त्याग करें। नई पीढ़ी को शिक्षित और संस्कारवान बनाएं। किसान की जमीन बचाने के लिए आंदाेलन करना है। इसमें वही प्रभावी होंगे जो फसल बेचकर आंदोलन में शामिल होंगे, जमीन बेचकर आंदोलन में आने वालों का प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके बाद जिलाधिकारी को 13 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया।

    राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जादौन, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरदार अजीत सिंह, प्रदेश प्रमुख महासचिव व पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी विजेंद्र सिंह यादव, प्रदेश संगठन मंत्री चौधरी जयवीर सिंह यादव, प्रदेश सचिव ओम प्रकाश, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड तराई क्षेत्र प्रदेश अध्यक्ष बलजिंदर सिंह मान, मंडल अध्यक्ष सतविंदर सिंह कहलो ने भी विचार व्यक्त किए।

    मंच पर अव्यवस्था, दो बार नीचे आकर बैठे टिकैत

    भाकियू की महापंचायत में हजारों किसान पहुंचे थे, लेकिन मंच पर शुरू से अंत तक अव्यवस्था हावी रही। हालत यह रही कि मुख्य अतिथि राकेश टिकैत दो बार मंच से उतरकर नीचे आ गए और कार्यकर्ताओं के बीच में बैठे। जब वह मंच पर पहुंचे तो अफरा-तफरी मच गई। पदाधिकारी और कार्यकर्ता किसी की बात नहीं सुन रहे थे। नाराज होकर टिकैत नीचे उतरकर कार्यकर्ताओं के बीच में आकर बैठ गए। पदाधिकारियों के आग्रह करने पर दोबारा मंच पर पहुंचे तो फिर वही स्थिति उत्पन्न हो गई। उन्होंने माइक लेकर फटकार भी लगाई, लेकिन स्थिति नहीं सुधरी तो फिर मंच से नीचे आकर कार्यकर्ताओं के बीच में आकर बैठ गए। इस बीच प्रदेश और मंडल स्तरीय पदाधिकारी संबोधन में इसका जिक्र कर अनुशासन का पाठ पढ़ाते रहे। बाद में फिर मुख्य अतिथि को मंच पर बुलाया गया, उन्होंने अपने संबोधन में भी इसका जिक्र किया और अनुशासित रहने का संदेश दिया।

    भाकियू की प्रमुख मांगें

    भाकियू पदाधिकारियों की ओर से जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में बेसहारा पशुओं से निजात दिलाने, गन्ने का मूल्य 500 रुपये, धान का मूल्य 3,500 रुपये क्विंटल किए जाने, गन्ना मूल्य का 14 दिन में भुगतान कराने, किसानों को डीएपी, एनपीके, यूरिया का सुगमता से वितरण, बिजली का निजीकरण रोकने, स्मार्ट मीटर नहीं लगाया जाए, किसानों का कर्ज माफ किए जाने, सभी फसलों की एमएसपी तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सी-2 प्लस 50 के फार्मूले से तय किए जाने, इफको फैक्ट्री में जिन किसानों की जमीन गई है उनके परिवारों को नौकरी दिलाए जाने की मांग शामिल रही।