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    राजू शमीम को किन्नर बनाने वाले आरोपितों को उम्र कैद

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 04 May 2018 02:52 AM (IST)

    2008 में शहर के चर्चित हिस्ट्रीशीटर राजू शमीम को किन्नर बनाने के मामले में गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। ...और पढ़ें

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    राजू शमीम को किन्नर बनाने वाले आरोपितों को उम्र कैद

    जागरण संवाददाता, बरेली : 2008 में शहर के चर्चित हिस्ट्रीशीटर राजू शमीम को किन्नर बनाने के मामले में गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। घटना के आरोपी किन्नर आशा, पूनम के साथ काके को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। इसी के साथ सभी 60-60 हजार का जुर्माने भी लगाया। पांच आरोपियों में दो की पहले ही मौत हो चुकी है।

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    मूलरूप से विधौलिया सीबीगंज निवासी शहीम खान उर्फ राजू शमीम किला के रजा कॉलोनी में रहता है। तमाम आपराधिक घटनाओं के चलते पुलिस ने राजू की हिस्ट्रीशीट खोली थी। इसी बीच 2006 में वह सरोज किन्नर के संपर्क में आया और उससे शादी कर ली। राजू की दोस्ती बाकरगंज खड्ड मुहल्ला निवासी किन्नर मीनाक्षी के पति सलीम से थी। पुराना याराना होने के कारण व उसके घर आते-जाते थे। सरोज से शादी के बाद उनकी दोस्ती में दरार बढ़ गई। आठ फरवरी 2008 को सलीम ने राजू को मिलने घर बुलाया। जब वह कमरे में पहुंचे तो वहां मीनाक्षी किन्नर, आशा किन्नर, पूनम किन्नर के साथ काके मौजूद था। एक डॉक्टर भी बैठा था। आरोप है कि अचानक सभी ने उसे गाली गलौज कर दबोच लिया। नशीला इंजेक्शन देकर बेहोश कर दिया। करीब दस घंटे बाद रात साढ़े दस बजे होश आया तो राजू सिटी शमशान भूमि के जंगल में पड़ा था। नाजुक अंग कटा हुआ था। सूचना पर परिजन पहुंचे और थाने लेकर गए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अस्पताल में भर्ती करा दिया।

    दस साल चली सुनवाई

    फास्ट ट्रैक प्रथम न्यायाधीश अजय सिंह की अदालत में मुकदमा चला। गुरुवार को अपर जिला शासकीय अधिवक्ता केएम खान ने वादी समेत आठ गवाह पेश किए। तमाम दलील सुनने के बाद न्यायाधीश सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी। 60-60 हजार रुपये जुर्माना भी डाला। राजू शमीम ने फैसले पर खुशी जताई।

    समझौता नहीं करने पर हआ जानलेवा हमला

    राजू शमीम ने बताया कि इस दस साल में आरोपित उनपर समझौते का दबाव बनाते रहे। 2010 में वह अपने साथियों के साथ जा रहे था तो दिन दहाड़े चौधरी तालाब के पास आरोपितों ने घेर कर उनपर ताबड़तोड़ फाय¨रग की। सरेआम हुई घटना में दोनों पक्षों से चार लोगों को गोली लगी थी। उसके बाद भी अक्सर उन्हें फोन या घर के बाहर धमकी मिलती रही।

    राजू पर सात साल में दर्ज हुए 22 मुकदमे

    मूल रूप से गोरखपुर का रहने वाला राजू शमीम आपराधिक प्रवृत्ति का था। 1991 में शहर के हिस्ट्रीशीटर पठान की हत्या हुई थी। बदले में राजू के बड़े भाई बबलू की पुराने हत्या कर दी गई। इसके बाद राजू भी अपराध की दुनिया में उतर गया। सात साल तक कई वारदातें कीं। उसपर 22 मुकदमे हुए। हिस्ट्रीशीट भी खुली।

    लड़की समझकर सरोज पर आया दिल

    राजू ने बताया कि सरोज उनके मुहल्ले में रहने आई थी। वह उसे लड़की समझ बैठे, बातचीत के बाद मिलना जुलना शुरू हो गया। बाद में पता चला कि सरोज किन्नर है लेकिन तबतक वह दिल दे बैठे थे। जिसके बाद शादी कर ली। एक बेटी गोद ली है। वह कान्वेंट स्कूल में पढ़ रही है। सरोज को राजू ने महापौर का चुनाव भी लड़ाया।

    पांच आरोपियों से तीन की मौत

    घटना में पांच आरोपित थे। सलीम उसकी पत्नी मीनाक्षी किन्नर, पूनम, आशा व काके। पांच आरोपितों में सलीम की जेल में मौत हो गई थी। जबकि उसकी पत्नी मीनाक्षी किन्नर की बीमारी से मौत हो चुकी है।