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    Julus E Gausiya : बरेली में 17 नवंबर को सैलानी से निकलेगा जुलूस-ए-गौसिया, मनेगी 11वीं शरीफ

    By Ravi MishraEdited By:
    Updated: Mon, 08 Nov 2021 01:12 PM (IST)

    Julus E Gausiya शेख अब्दुल कादिर बगदादी बड़े पीर गौस-ए-पाक की याद में ग्यारहवीं शरीफ मनाई जाती है। इस साल 17 नवंबर को ग्यारहवीं शरीफ होगी। इस अवसर पर सैलानी स्थित रजा चौक से हर साल की तरह जुलूस-ए-गौसिया अंजुमन गौस-ओ-रजा टीटीएस के तत्वावधान में निकाला जाएगा।

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    Julus E Gausiya : बरेली में 17 नवंबर को सैलानी से निकलेगा जुलूस-ए-गौसिया

    बरेली, जेएनएन। Julus E Gausiya : यूपी के बरेली में शेख अब्दुल कादिर बगदादी बड़े पीर गौस-ए-पाक की याद में ग्यारहवीं शरीफ मनाई जाती है। इस साल 17 नवंबर को ग्यारहवीं शरीफ होगी। इस अवसर पर सैलानी स्थित रजा चौक से हर साल की तरह जुलूस-ए-गौसिया अंजुमन गौस-ओ-रजा टीटीएस के तत्वावधान में निकाला जाएगा।

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    अंजुमन के सदर हाजी शारिक नूरी ने बताया कि जुलूस दरगाह-ए-आला हजरत के प्रमुख हजरत मौलाना सुब्हान रजा खान की सरपरस्ती व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसान रजा कादरी की कयादत में शाम चार बजे से जुलूस निकलेगा। कहा कि जुलूस में डीजे पर रोक लगाई जाएगी। उन्होंने जुलूस में शामिल होने वाली सभी अंजुमनों से अपील की है कि कोई भी अंजुमन डीजे बुक ने करें।

    दरगाह शरीफ पहुंचा, जुलूस ए गागर 

    हजरत शाहदाना वली रहमतुल्लाह अल्हे के उर्स के दूसरे दिन आस्ताने पर तिलावते कुरान ए पाक से शुरुआत हुई। मस्जिद के इमाम मौलाना मुशाहिद रजा ने सलातों सलाम का नजराना मजारे मुबारक पर पेश किया। असर की नमाज के बाद चक नवादा मरहूम अब्दुल करीम व महबूब साबरी के निवास से सूफी रिजवान मिया शहजादा ए तहसीन मिल्लत की सरपरस्ती में जुलूस ए गगर निकाला गया। जाे जुलूस चुंगी काका टोला शाहदाना दादू कुआं होता हुआ दरगाह पहुंचा। रास्ते में कई जगह जुलूस का इस्तकबाल हुआ। दरगाह के मुतवल्ली अब्दुल वाजिब खां ने जुलूस में शामिल लोगों की दस्तारबंदी कर तबरुक खिलवाया।

    रात नौ बजे दूर-दराज से आये उल्मा हजरत अहमद कादरी, नुरुल एन, रजा, हजरत अलहाज जफर बज्मी ने सरकार गौसे पाक, ख्वाजा गरीब नवाज, वारिस ए पाक, साबिर ए पाक, सरकार शाहदाना वली की करामातों को बयां करते हुए रूहानी जिंदगी पर रोशनी डाली। इस मौके पर युसूफ इब्राहिम, हाजी अबरार खां, इरफान रजा, खलील, कादरी, जफर अली, गफूर पहलवान, अब्दुल सलाम नूरी, जर्दब साबरी, बुरा, जावेद खां, साबरी, शान खां, वसी खां, परवेज खां आदि मौजूद रहे।