पीलीभीत टाइगर रिजर्व में अब बराही रेंज से भी पहुंच सकेंगे पर्यटक, सैलानियों के लिए इस बार समय से पहले खुल जाएंगे प्रदेश भर के जंगल
पीलीभीत टाइगर रिजर्व अब पर्यटकों के लिए और भी आसान हो जाएगा। एक नया मार्ग खुलने से पहुंच सुगम होगी, और ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। वन मंत्री ने बताया कि 1 नवंबर से टाइगर रिजर्व खुल जाएगा, जिसमें बाघ, पक्षी और सांपों की विभिन्न प्रजातियां हैं। पर्यटकों को अब हाथियों के दीदार भी होंगे, और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

जागरण संवाददाता, बरेली। पीलीभीत टाइगर रिजर्व पहुंचना पर्यटकों के लिए अब और आसान होगा। पर्यटकों की सहूलियत को देखते हुए इस बार पीटीआर पहुंचने के लिए तीसरे मार्ग को भी खोलने की तैयारी है। इतना ही नहीं टाइगर रिजर्व का आनंद लेने के लिए पर्यटक ऑनलाइन भी टिकट बुक करा सकेंगे।
दैनिक जागरण कार्यालय पहुंचे वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के द्वार एक नवंबर को ही खोल दिए जाएंगे। इस टाइगर रिजर्व में 80 से ज्यादा बाघ, पक्षियों की 300 व सांपों की 18 प्रजातियों का बसेरा है। अब तक इस जंगल की यात्रा करने के लिए दो मार्ग थे। पर्यटक महोफ और मुस्तफाबाद रेंज से इस खूबसूरत जंगल की यात्रा को निकलते थे। अब बराही रेंज के रास्ते भी पीटीआर में पर्यटक पहुंच सकेंगे।
इन स्थानों से छह सीटर सफारी वाहन और गाइड वहां उपलब्ध होंगे, जो पर्यटकों को पूरे जंगल की सैर कराएंगे। रास्ते भर प्राकृतिक सौंदर्य के साथ तमाम प्रजाति के जीव-जंतु पर्यटकों को देखने को मिलेंगे। वन मंत्री ने बताया कि पीटीआर के साथ ही दुधवा नेशनल पार्क, रानीपुर टाइगर रिजर्व, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व भी इस बार एक नवंबर को खोल दिए जाएंगे। पीटीआर में पिछले वर्ष करीब 60 हजार पर्यटक पहुंचे थे, जिसमें करीब साढ़े चार सौ विदेशी पर्यटक भी थे। वहां पर्यटकों की सहूलियत को व्यवस्थाएं बढ़ाई गई हैं। पीटीआर घूमने के लिए पर्यटक अब आनलाइन भी टिकट बुक करा सकेंगे।
यह सुविधा इसी वर्ष से शुरू की जा रही है। उन्होंने बताया कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व में आने वाले पर्यटकों को बाघ, भालू और तेंदुआ समेत विभिन्न प्रकार के वन्य जीव आकर्षित करते हैं लेकिन अब यहां पर आने वाले पर्यटकों को हाथियों के भी दीदार भी होंगे। टाइगर रिजर्व के दो हाथियों को अब महोफ रेंज के मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस पर भेजने की तैयारी की जा रही है। गेस्ट हाउस परिसर में भी हाथियों का बाड़ा भी जल्द ही बन जाएगा।
स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
पीटीआर जाने के लिए तीसरा मार्ग खुलने पर वहां के लोगों को रोजगार भी मिलेगा। सफारी वाहन चालकों के साथ ही कई गाइड भी इससे काम पाएंगे। इसके साथ ही वहां कैंटीन की व्यवस्था भी सैलानियों के लिए की गई है। कैंटीन चलाने का काम वहां के महिला समूहों को दिया गया है।
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