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    Performance Grading Indicator System : अब हर वर्ष 15 बिंदुओ पर जांची जाएगी बेसिक स्कूलों की शैक्षिक गुणवत्ता

    Performance Grading Indicator System प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता को परखने के लिए अब हर वर्ष स्कूलों की 15 बिदुंओं पर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद यह रिपोर्ट में शिक्षा मंत्रालय में भेजी जाएगी।

    By Ravi MishraEdited By: Updated: Tue, 13 Jul 2021 01:22 PM (IST)
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    Performance Grading Indicator System : अब हर वर्ष 15 बिंदुओ पर जांची जाएगी बेसिक स्कूलों की शैक्षिक गुणवत्ता

    बरेली,जेएनएन। Performance Grading Indicator System: प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता को परखने के लिए अब हर वर्ष स्कूलों की 15 बिदुंओं पर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद यह रिपोर्ट में शिक्षा मंत्रालय में भेजी जाएगी। आगामी दिनों में केंद्र सरकार की टीम आकर जिले के सभी बेसिक स्कूलों का इंडीकेटर सर्वे करेगी।

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    हर वर्ष स्कूलों को उनकी रिपोर्ट के आधार पर भी अंक मिलेंगे। इसमें टीम स्कूलों में अध्यापक और बच्चों की संख्या, स्कूल की शैक्षणिक गुणवत्ता, बिजली, पानी, पंखे, विद्यालय के भवनों की हालत और प्रत्येक वर्ष का बजट सहित 15 बिंदुओं पर कार्यों को देखेगी।टीम की ओर से परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडीकेटर सिस्टम सर्वें में अगर स्कूलों में व्यवस्थाएं सुदृढ़ नहीं मिलती हैं तो इसका प्रभाव स्कूलों को प्रत्येक वर्ष मिलने वाले बजट पर पड़ेगा।

    दरअसल, यह पहल परिषदीय विद्यालयों को स्मार्ट बनाने के लिए शुरू किया जा रहा है। ऐसे में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी विनय कुमार ने जल्द से जल्द खंड शिक्षाधिकारियों को अपने विकास खंड के स्कूलों में अव्यवस्थता व संसाधनों को पूरा करने के निर्देश दे दिए हैं। साथ ही स्कूलों के प्राधानाध्यपकों और सहायक अध्यापकों ने भी अपने स्तर से स्कूल का कायाकल्प करने शुरू कर दिया है।

    जर्जर पड़े चिन्हित स्कूलों के जीर्णोद्धार में भी आएगी तेजी जिले में नगर क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के करीब 150 से अधिक विद्यालय जर्जर भवन के रूप में चिन्हित हैं। जिन पर काफी समय से किसी की जैसे कोई नजर ही नहीं पड़ी। लेकिन अब सर्वे की जानकारी से कायाकल्प के कार्यों में तेजी आएगी। निर्माण के जिला समन्वयक अरविंद कुमार पाल ने बताया कि बजट के अभाव में जर्जर स्कूलों का कायाकल्प शुरू नहीं हो सका है। इसके लिए शासन को पत्र सौंप दिया गया है। अब जल्द ही इन विद्यालयों का सुंदरीकरण होगा।