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    Bareilly: विंटर सीजन में हृदय रोग से पीड़ित लोग रहें सतर्क, तैलीय उत्पादों से करें परहेज; नियमित रूप से करें ये काम

    Health Tips हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पुनीत सोंधी ने बताया कि सर्दी में ब्लड प्रेशर और खून जमने की प्रवृत्ति बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। अत्यधिक सर्दी में घर से बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें। घर पर ही योग करें। व्यायाम कर शारीरिक गतिविधि बढ़ाकर पसीना बहाकर दिल को दुरुस्त रखा जा सकता है।

    By Jagran News Edited By: riya.pandey Updated: Tue, 26 Dec 2023 01:24 PM (IST)
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    विंटर सीजन में हृदय रोग से पीड़ित लोग रहें सतर्क

    जागरण संवाददाता, बरेली। सर्दी के मौसम को चिकित्सा जगत में हेल्दी सीजन माना जाता है, लेकिन इस दौरान सभी को दिल का ख्याल रखने की विशेष जरूरत है। विशेषकर पहले से हृदय रोग से पीड़ित लोग इस मौसम में सतर्क रहे। वह तैलीय उत्पादों से परहेज करें और अत्यधिक सर्दी में घर से जरूरी होने पर भी बाहर निकले, जो उनके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहेगा।

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    हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पुनीत सोंधी ने बताया कि सर्दी में ब्लड प्रेशर और खून जमने की प्रवृत्ति बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। अत्यधिक सर्दी में घर से बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें। घर पर ही योग करें। व्यायाम कर, शारीरिक गतिविधि बढ़ाकर पसीना बहाकर दिल को दुरुस्त रखा जा सकता है।

    उन्होंने दावा कि, बीते कुछ समय में 20 से 25 वर्ष के कई युवा हार्ट से जुड़ी दिक्कत लेकर उनके पास पहुंचे जो अप्रत्याशित है। अधिकतर मामलों में अनियमित जीवनशैली व तनाव प्रमुख वजह के रूप में सामने आ रहा है। इसके अतिरिक्त जिम में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के पीछे अननैचुरल सप्लीमेंट व जरूरत से अधिक एक्सरसाइज करना है।

    चिकित्सक की सलाह से करें सप्लीमेंट का उपयोग

    उन्होंने कहा कि कई ऐसे सप्लीमेंट हैं, जिनके अत्यधिक सेवन से किडनी डैमेज होने की आशंका बनी रहती है। दूसरों की बाडी देखकर उन्हें पीछे छोड़ने की चाहत में युवा क्षमता से अधिक एक्सरसाइज करने के साथ इन सप्लीमेंट का भी सहारा ले रहे हैं, जोकि हर किसी के लिए घातक है। बेहतर होगा किसी सप्लीमेंट को उपयोग करने से पहले चिकित्सक का सलाह लें।

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    उन्होंने कहा कि, लोगों की अपेक्षा बढ़ने से तनाव बढ़ रहा है। तनाव से बचने का आसान तरीका है कि 'जो पास वो पर्याप्त है' को जीवन का मूल मंत्र बना लें। इसके अलावा तैलीय उत्पाद, प्रदूषण व इंफेक्शन से दिल पर असर पड़ता है।

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