By Nilesh Pratap SinghEdited By: Mohammed Ammar
Updated: Sun, 17 Dec 2023 01:57 PM (IST)
हादसे के बाद ग्रामीणों ने निगम की ओर से 32 घंटे बाद पूर्व की तरह मिल रहे आश्वासन पर ही शासन को नए सिरे से लिखे पत्र के बाद धरना समाप्त कर दिया। वार्ड-37 नदौसी परसाखेड़ा गौटिया एवं गोकिलपुर के पूर्व पार्षद सुखदीश कश्यप की अगुवाई में शुक्रवार सुबह 10 बजे महिलाओं बच्चों व बुजुर्गों के साथ कई लोग नगर निगम पहुंचे।
जागरण संवाददाता, बरेली : नगर निगम गेट पर सड़क निर्माण के लिए धरना दे रहे ग्रामीणों में शामिल एक वर्ष की बच्ची की अचानक तबीयत बिगड़ गई। स्वजन उसे इलाज के लिए गांव के एक डाक्टर के पास ले गए, लेकिन उसकी सांसें थम गई।
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सुबह 10 बजे से दे रहे थे धरना
वहीं, हादसे के बाद ग्रामीणों ने निगम की ओर से 32 घंटे बाद पूर्व की तरह मिल रहे आश्वासन पर ही शासन को नए सिरे से लिखे पत्र के बाद धरना समाप्त कर दिया। वार्ड-37 नदौसी परसाखेड़ा गौटिया एवं गोकिलपुर के पूर्व पार्षद सुखदीश कश्यप की अगुवाई में शुक्रवार सुबह 10 बजे महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों के साथ कई लोग नगर निगम पहुंचे। गेट पर ताला लगाकर अनिश्चितकालीन धरना दे दिया। अधिकारियों का मुख्य गेट से आवागमन बंद कर कामकाज ठप कर दिया। निगम प्रशासन से देर रात तक तीन चरणों में वार्ता के बाद नहीं माने और शनिवार शाम छह बजे तक धरने पर अड़े रहे।
देर रात बच्ची की बिगड़ी हालत
आरोप है कि, धरने में परसाखेड़ा गौटिया के हरिश्चंद एवं पुष्पा की एक वर्षीय बच्ची विद्या भी शामिल थी। शुक्रवार रात 9:30 बजे तबीयत बिगड़ने के बाद शनिवार तड़के उसे घर भेजा गया, जहां दोपहर में उसकी सांसें थम गईं। धरने की अगुवाई कर रहे पूर्व पार्षद सुखदीश ने बताया कि बच्ची की तबीयत खराब होने के बाद उन्होंने हरिश्चंद्र व पुष्पा को उसे घर ले जाने को कहा, लेकिन वह धरने पर ही डटे रहे। इस दौरान शनिवार तड़के 5:30 बजे दोबारा उसकी तबीयत खराब हो गई। इसके बाद हरिश्चंद व पुष्पा उसे लेकर गांव चले गए।
वहीं, हरिश्चंद्र के भांजे राकेश ने बताया कि विद्या को शनिवार दोपहर गांव के ही एक डाक्टर के यहां ले गए थे, लेकिन उसने स्थिति गंभीर बताते हुए जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी। इसके कुछ देर बाद दोपहर 1:30 बजे उसकी मृत्यु हो गई। 32 घंटे बाद पूर्व के आश्वासन पर ही माने ग्रामीण शुक्रवार सुबह 10 बजे धरना देने पहुंचे ग्रामीणों ने 500 मी. सड़क निर्माण के लिए निगम द्वारा भूमि अधिग्रहण नहीं करने का आरोप लगाया। इसके बाद निगम प्रशासन ने तीन बार ग्रामीणों से वार्ता कर प्रकरण शासन में लंबित होने की बात कहते हुए शासन से अग्रिम आदेश आने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू कराने की बात कहते हुए धरना समाप्त करने का आग्रह किया था।
इसके बाद भी ग्रामीण निगम प्रशासन से भूमि अधिग्रहण तत्काल शुरू कराने के लिए लिखित आश्वासन मिलने तक धरने पर अड़े रहे। शनिवार सुबह नगर आयुक्त ने 10:30 बजे फिर से धरना समाप्त करने का आग्रह किया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने। इसके बाद दोपहर 1:30 बजे गांव में हुई अनचाही घटना के बाद ग्रामीणों ने निगम की ओर से शासन को पुन: नया पत्र लिखने पर धरना समाप्त कर दिया।
बोलीं पार्षद, धरने में शामिल ही नहीं थी बच्ची व मां
वार्ड-37 नदौसी की पार्षद अंजुल गंगवार ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि, उन्हें गांव के ही लोगों ने बताया कि धरने में बच्ची व उसकी मां शामिल ही नहीं हुई थी। कहा कि, धरने में बच्ची के दादा, दादी व पिता शामिल थे। दावा किया कि, बच्ची लंबे समय से बीमार थी और उसकी मृत्यु को गलत तरीके से पेश किया जा रहा। पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांग की।
आइसीसीसी से खुलेगा राज
निगम गेट पर धरने में शामिल बच्ची की मृत्यु की सूचना पर निगम प्रशासन हरकत में आ गया। नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स ने जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार को प्रकरण की जानकारी दी। डीएम ने प्रकरण को गंभीरता से जांच कराने के निर्देश दिए।
माना जा रहा है कि प्रशासन पहले धरना में हरिश्चंद्र व उनकी पत्नी के शामिल होने की पुष्टि करेगा। उसके बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा। इसके लिए इंटीग्रेटेड कंमाड एंड कंट्रोल सेंटर (आइसीसीसी) से एक-एक व्यक्ति की वीडियो फुटेज के जरिए तस्वीर खंगाली जाएगी।
तथ्यों की जांच की जा रही है। इसके लिए अपर नगर आयुक्त को जांच कर रिपोर्ट मांगी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
निधि गुप्ता वत्स, नगर आयुक्त
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