Bareilly News: सउदी, दुबई और कुवैत जाने वालों के लिए पीसीसी बना मुसीबत, बिना PCC नहीं रख सकेंगे कदम
Police Clearance Report News सउदी दुबई ईराक जैसे देशों में अब बिना पीसीसी यानी पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के कदम नहीं रख सकेंगे।इन देशों ने अपने यहां ...और पढ़ें

बरेली, रजनेश सक्सेना। Police Clearance Report News : दुबई, सउदी और कुवैत जाने वाले लोगों के लिए अब पासपोर्ट के अलावा अब पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (PCC) भी मुसीबत बन गया है। हर दिन सैकड़ों को लोग पासपोर्ट कार्यालय (Passport Office) में पीसीसी के लिए चक्कर काट रहे हैं।
ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि इन्होंने अपने यहां आने वाले लोगों के लिए पीसीसी अनिवार्य कर दिया है जिसकी वजह से यहां से जाने वाले लोग अब पासपोर्ट कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
कई देशों ने पहले ही दूसरे देशों से आने वाले लोगों के लिए पीसीसी अनिवार्य कर दिया था। मगर हाल ही में साउदी, दुबई और कुवैत ने भी दूसरे देशों से आने वाले लोगों के लिए पीसीसी अनिवार्य किया है। बिना इसके उन्हें इन शहरों में कदम रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इसलिए भारत से जाने वाले लोगों ने अब तेजी से पीसीसी के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया है। अचानक से संख्या ज्यादा होने पर दो समस्याएं सामने आई हैं। जिसमें पहली है कि कम स्लाट होने पर लोगों को पीसीसी के आवेदन के बाद करीब दो से ढाई महीने बाद तारीख मिल रही है।
वहीं दूसरी समस्या यह है कि आवेदन की वेटिंग लिस्ट भी लंबी होती चली जा रही है। इस समय करीब सात हजार लोग वेटिंग लाइन में लगे हुए हैं।
क्या होता है पीसीसी
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी नसीम अहमद ने बताया कि, पीसीसी एक पुलिस सत्यापन होता है। जिसमें पूरी वही प्रक्रिया अपनाई जाती है जो एक पासपोर्ट बनाने के समय होती है। इसमें आवेदन के बाद पुलिस का सत्यापन किया जाता है।
उसमें सब कुछ सही होने पर पासपोर्ट कार्यालय से एक सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। जिसे लेकर वह संबंधित देश में जा सकते हैं। जिन देशों ने पीसीसी अनिवार्य कर दिया है। वहां उसके बिना जाने पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है।
पीसीसी की प्रक्रिया क्या है
पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट यानी पीसीसी के लिए सबसे पहले व्यक्ति को पासपोर्ट की वेबसाइट पर जाकर आनलाइन आवेदन करना होता है। जिसकी 500 रुपये फीस लगती है। आवेदन के बाद व्यक्ति को एक तारीख दी जाती। जिस पर उसे पासपोर्ट कार्यालय जाना होता है।
वहां जाने के बाद आवेदक का फोटो खींचा जाता है, अंगुलियों के निशान के साथ ही संबंधित सभी दस्तावेज भी लिए जाते हैं। उन्हीं के आधार पर पुलिस उनका सत्यापन करती है। बाद में अपनी रिपोर्ट पासपोर्ट कार्यालय में सौंप देती है। जिसके बाद कार्यालय से एक सर्टिफिकेट जारी कर आवेदक के पते पर भेज दिया जाता है।
जिसे लेकर वह यात्रा कर सकता है। यह सर्टिफिकेट केवल छह माह के लिए ही मान्य होता है। यदि छह माह बाद यात्रा करनी हो तो दोबारा से सर्टिफिकेट बनवाना होगा।
एक दिन में केवल 150 लोगों का ही होता है सत्यापन
नसीम अहमद बताते हैं कि, उनके पास पीसीसी के लिए केवल 150 ही स्लाट है। मगर लोग आवेदन ज्यादा कर रहे हैं इस लिए उन्हें करीब दो माह लंबी तारीख मिल रही है। यदि उनके स्लाट बढ़ा दिए जाएं तो आवेदन करने वालों को राहत मिल सकती है। जब से दुबई ने पीसीसी अनिवार्य किया है तब से बरेली से करीब तीन हजार पीसीसी जारी हो चुके हैं।

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