बंदर के जानलेवा हमले की कहानी, जिस गांव में बच्चे को फेंक कर मार डाला था, अब वहीं के बुजुर्ग पर किया हमला
Monkeys Terror in Bareilly बरेली में बंदर जानलेवा हो गए हैं। यहां का एक गांव बंदरों के आतंक की जद में आ चुका है। एक सप्ताह पहले बच्चे को पिता की गोद से छीनकर फेंक दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई थी। आज बुजुर्ग को घायल कर दिया।

बरेली, जागरण संवाददाता। Monkeys Terror in Bareilly : बरेली में बंदर जानलेवा हो गए हैं। एक गांव में तो बंदरों ने सप्ताह भर पहले पिता की गोद से चार माह के बच्चे को छीनकर फेंक दिया था। छत से फेंके गए बच्चे की तुरंत मौत हो गई थी। एक सप्ताह बाद बंदरों के झुंड ने इसी गांव के एक बुजुर्ग पर हमला किया है।
बंदरों के आतंक की जद में आया गांव कहां है
रविवार की सुबह हुए इस हमले में बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल हो गया है। बंदरों के आतंक की जद में आया यह गांव है बरेली का दुनका। यहां सुबह बुजुर्ग छोटेलाल पर बंदरों ने हमला कर दिया। छोटेलाल सुबह अपनी झोपड़ी में बैठे थे। तभी लड़ते हुए बंदरों का झुंड उन तक पहुंच गया। उन्होंने भगाने का प्रयास किया तो बंदर हमलावर हो गए। हाथ व पीठ पर काट लिया।ग्रामीणोंं ने उनका प्राथमिक उपचार कराया। बंदरों के आतंक से इलाके में दहशत है।
बंदरों के झुंड ने कैसे किया हमला
घटना रविवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे की है। 60 वर्षीय छोटे लाल राठौर अपनी पत्नी के साथ झप्परनुमा घर में अकेले रहते हैं। घर के दरवाजे भी जर्जर हैं। सुबह वह घर पर ही थे। पत्नी किसी काम से बाहर गई थी। इसी दौरान बंदरों का झुंड आपस में लड़ते हुए उनके घर में घुस गया। उन्होंने बंदरों को भगाना चाहा तो सभी उन पर ही हमलावर हो गए।
बंदर उनसे लिपट गए और कई जगह काटकर लहूलुहान कर दिया। बुजुर्ग के शोर मचाने पर पास का ही हरिओम वहां पहुंचा। उसने अन्य लोगों के साथ मिलकर बंदरों को वहां से भगाया। तब तक बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल हो चुके थे। उनका पास के अस्पताल में उपचार कराया गया। इसी गांव में बंदरों ने 16 जुलाई की शाम को निर्देश उपाध्याय की गोद से चार माह के बच्चे को छीनकर नीचे फेंक दिया था, जिससे बच्चे की मौत हो गई थी।
बदायूं में भी बंदरों के हमले में बालक घायल
कादरचौक थाना क्षेत्र के मोहन नगला गांव में शनिवार को अपनी ही छत पर जा रहे बालक पर बंदरों के झुंड ने हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। मूल रूप से मोहन नगला गांव निवासी इस समय गंगा सिंह अपने छोटे भाई गंगा सिंह के साथ उझानी के कृष्णा कालोनी में रहते हैं।
गंगा सिंह का 10 वर्षीय पुत्र प्रशांत स्कूल गया हुआ था। स्वजन गांव चले गए थे। स्वजन के लौटने से पहले ही प्रशांत और उसका तहेरा भाई स्कूल से आ गए। प्रशांत अपने मकान में छत पर बने कमरे में जा रहा था। इसी दौरान बंदरों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़ पड़े और बंदरों को भगाया।
चचेरा भाई उसको अस्पताल लेकर गया जहां रेबीज का इंजेक्शन लगवाने के साथ मरहम-पट्टी कराई। इस तरह की घटनाएं आए दिन हो रही हैं, लेकिन बंदरों से निजात दिलाने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है।
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