निकाह हलाला के बाद बदली बुजुर्ग की नीयत, 28 वर्षीय युवती को तलाक देने से इन्कार
निकाह हलाला के बाद यहां पर 65 वर्ष के बुजुर्ग का इरादा बदल गया। अब उसने 28 वर्ष की युवती को तलाक देने से इन्कार कर दिया है।
बरेली (जेएनएन)। तीन तलाक का एक ऐसा केस सामने आया है, जिसमें हलाला करने वाला व्यक्ति महिला को तलाक ही नहीं दे रहा।निकाह हलाला के बाद यहां पर 65 वर्ष के बुजुर्ग का इरादा बदल गया। अब उसने 28 वर्ष की युवती को तलाक देने से इन्कार कर दिया है। हलाला करने वाले उस 65 साल के बुजुर्ग का दिल महिला पर आ गया है। अब पहला शौहर परेशान है। महिला ने भी हलाला करने वाले से पिंड छुड़वाने के लिए गुहार लगाई है।
युवती उत्तराखंड की निवासी है और वह इस प्रकरण से काफी परेशान है, किसी तरह से वह इस बुजुर्ग से तलाक मिलने का इंतजार कर रही है। तीन तलाक और हलाला पर लाख बहस के बाद भी इनसे छुटकारा नहीं दिख रहा है। निकाह हलाला करने वाले 65 वर्ष के बुजुर्ग ने 28 वर्ष की दुल्हन को तलाक देने से साफ इन्कार कर दिया है। उन्होंने कहा कि मरते दम तक तलाक नहीं दूंगा।
उन्होंने कहा कि मैंने निकाह किया है, अब वह मेरी बीवी है। इस प्रकरण पर मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी ने कल युवती और उनके पूर्व शौहर के साथ ही बुजुर्ग शौहर को बुलाया। युवती तथा पूर्व शौहर तो बरेली पहुंचे, लेकिन बुजुर्ग शौहर उनके पास नहीं आए। जब बात की गई तो उन्होंने किसी भी कीमत पर 28 वर्ष की युवती के तलाक देने से इन्कार कर दिया है। मेरा हक फाउंडेशन युवती को खुला दिलाने की प्रक्रिया के प्रयास है, लेकिन बुजुर्ग की जिद के सामने वह खाली हाथ हैं।
उत्तराखंड के खटीमा निवासी अकील अहमद की बेटी जूही का निकाह मोहम्मद जावेद के साथ 2010 में हुआ था। दंपति के दो बेटे हुए। इसके बाद दोनों में कहासुनी होने लगी और नौबत तलाक की आ गई। 2013 में दोनों का तलाक हो गया। उसके बाद दोनों को गलती का अहसास हुआ। दोबारा निकाह के लिए पति-पत्नी ने परिवार की सहमति ली। इस युवती की बरेली के एक 65 वर्षीय बुजुर्ग के साथ हलाला की रस्म हुई। बुजुर्ग ने हामी भरी कि वह तलाक दे देगा लेकिन हलाला के बाद उसकी नीयत बदल गई और उसने तलाक देने से इनकार कर दिया।
हलाला के बाद तो बाद तो मामला और बिगड़ गया। इस बुजुर्ग की हलाला के बाद उसकी नीयत बदल गई और उसने तलाक देने से साफ इनकार कर दिया। पीडि़ता की बार-बार मांग के बावजूद बुजुर्ग के तलाक से इनकार करने पर मामला गरमा गया है। पहली शादी से दंपति के दो बेटे हैं और तलाक के बाद से एक बेटा मां और एक पिता के पास रह रहा है।
युवती और उनका पूर्व शौहर इसके बाद मेरा हक फाउंडेशन के पास पहुंचे। फरहत नकवी ने कहा कि दो दिन पहले जब बुजुर्ग से बात की गई तो वे बेहद गुस्से में थे। उन्होंने साफ कहा कि मैं तलाक नहीं दूंगा, मेरे साथ धोखा हुआ है। वहीं, अब इस पेचीदा केस का समाधान तलाशने के लिए उलमा-ए-कराम युवती को शरई अदालत में जाने की बात कहते हैं। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का कहना है कि अगर युवती तलाक लेना चाहती हैं तो उनका हक है। वह खुला के जरिये अलग हो सकती हैं।
हलाला करने वाला जब तक तलाक न दे, शौहर रहेगा : उलेमा
मुफ्ती गुलाम मुस्तफा रजवी, दरगाह आला हजरत ने कहा कि शरीयत के मुताबिक हलाला करने वाला जब तक तलाक न दे शौहर बना रहेगा। एक शर्त ये भी है कि हलाला के दौरान यह कहकर निकाह किया था कि अगले दिन तलाक देंगे तो दोनों का निकाह अपने आप खत्म हो गया। शर्त नहीं लगाई है तो निकाह में बीवी रहेगी।
हलाला करने वाला बोला, लड़की ने धोखा दिया
अध्यक्ष मेरा हक फाउंडेशन, फरहत नकवी ने कहा कि लड़की ने जब मेरे पास आकर आपबीती सुनाई तो हलाला करने वाले से फोन पर बातचीत की। उसने कहा था कि लड़की ने मुझे धोखा दिया है। निकाह होने के बाद लड़की मेरे पास तक नहीं आई। मैंने शरीयत के मुताबिक निकाह किया। हलाला करने वाले को जब बातचीत के लिए बुलाया तो उसने कहा है कि जेल चला जाऊंगा, मामले में बातचीत नहीं करूगा।