प्रगतिशील किसान पुरस्कार : जमीन का नहीं रिकॉर्ड, पा गईं खेती का अवार्ड
लखनऊ के मंच पर पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह के जन्मदिवस पर जिले की एक महिला को प्रगतिशील किसान का अवार्ड मिला तो गांव में तमाम आरोप और सवाल खड़े हो गए हैं।
बरेली(स्पेशल डेस्क)। लखनऊ के मंच पर पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह के जन्मदिवस पर जिले की एक महिला को प्रगतिशील किसान का अवार्ड मिला तो उनके परिवार, कृषि अधिकारियों को गर्व हुआ। मगर उतना ही आश्चर्य गांव के लोगों को हुआ। गांव में तमाम चर्चाओं के साथ आरोप और सवाल खड़े हो गए हैं। गांव वालों का दावा है कि महिला के नाम गांव में इंच भर जमीन नहीं हैं। मटर की जिस उत्कृष्ट फसल के लिए 2017 का यह अवार्ड दिया गया, वह महिला के पति और ससुर के खेत में देखी ही नहीं गई। चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े होने पर प्रशासन इसकी जांच कराएगा।
किसान दिवस पर लखनऊ में मिला था प्रगतिशील किसान अवार्ड
पुरस्कार पाने वाली महिला रामनगर ब्लॉक के एक गांव की निवासी हैं। 2017 में मटर की सबसे अच्छी फसल के लिए किसान के तौर पर ब्लॉक के अधिकारियों ने उनके नाम की संस्तुति जिले में भेजी थी। जिले से नाम लखनऊ भेज दिए गए थे। वहां भी महिला के नाम का चयन हो गया। 23 दिसंबर को किसान दिवस पर समारोह में उन्हें 75 हजार रुपये नकद के साथ यह अवार्ड दिया गया था।
कृषि अधिकारियों से साठगांठ की चर्चा
ग्रामीणों का आरोप है कि महिला के ससुर गांव के पूर्व प्रधान हैं। बीते वर्ष उन्हें भी यह पुरस्कार मिला था। कृषि विभाग के अधिकारियों के अच्छे संबंध हैं। इसी का लाभ महिला को मिला।
छह बीघा खेत में 18 कुंतल मटर का दावा
महिला के परिवार का दावा है कि महिला के छह बीघा खेत में मटर उगाई गई। पंत-14 नंबर बीज बोया। 10-12 ट्राली देसी खाद, डीएपी डाली गई थी। और 18 कुंतल मटर की पैदावार हुई थी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
फसल प्रदर्शन के लिए बीज दिया गया था। उसी अनुसार ब्लॉक स्तरीय कमेटी से कृषक का चयन कर संस्तुति सहित नाम भेजा गया था। -मधुर सिंह, बीटीएम, रामनगर
2018 के लिए कोई इनाम नहीं मिला। पिछले वर्ष रबी की फसल में मटर की खेती करने पर इनके नाम का चयन किया गया है। इसमें आपत्ति की जानकारी नहीं है।-धीरेंद्र सिंह चौधरी, जिला कृषि अधिकारी