निशा ने जज्बे से जीता जहान.. सूबे में सहायक नगर आयुक्त बनने वाली पहली महिला बनीं
निशा मिश्रा ने अपनी लगन और मेहनत के बूते पर पीसीएस अपर की परीक्षा पास की। उन्हें पहली पोस्टिंग बरेली नगर निगम में मिली।
पीलीभीत(जेएनएन)। बचपन से लोगों को दफ्तरों में चक्कर काटते देखती थीं। पात्र होने पर भी कभी सरकारी अड़ंगा तो कभी अन्य वजह से लोगों को टरका दिया जाता था। ऐसे तबके को उनकी बुनियादी जरूरतों और सुविधाओं का हक दिलाने की ठानी। इसी संकल्प के साथ वह सूबे में सहायक नगर आयुक्त के पद पर चयनित इकलौती महिला अधिकारी बनीं। यह मिसाल हैं पीलीभीत नगर पालिका परिषद की पहली महिला अधिशासी अधिकारी (ईओ) निशा मिश्रा।
मूल रूप से मऊ की निवासी निशा पीलीभीत नगर पालिका की भी पहली महिला ईओ हैं। पिता गिरीश चंद्र मिश्रा एसबीआइ में क्लर्क रहे। सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी निशा की शुरुआती पढ़ाई मऊ में ही हुई। बनारस ¨हदू विश्वविद्यालय से इतिहास विषय में एमए के बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीएड किया। कुछ अलग करने जज्बा लेकर वह सिविल सर्विस की तैयारी के लिए दिल्ली गई। संघर्ष और पढ़ाई के दिनों में दिल्ली सरकार के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाया। --2014 में मेहनत को मिला मुकाम
वर्ष 2012 में पीसीएस (अपर) की परीक्षा दी। परिणाम 2014 में आया। डिप्टी कलेक्टर चाहा था। विकल्प में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी और अन्य विभागों के रसूख वाले पद थे। निशा ने नगर निकाय में सहायक नगर आयुक्त का पद चुना। खास बात, उस बैच में किसी भी अन्य महिला अभ्यर्थी ने इस पद के लिए रुचि ही नहीं दिखाई थी। दावा है कि पीसीएस (अवर) से चयनित वह प्रदेश में अकेली महिला सहायक नगर आयुक्त (ईओ के समकक्ष) हैं। --बगैर को¨चग हासिल की सफलता
बैंक, रेलवे, एसएससी आदि नौकरी के लिए युवा जहां कोचिंग सेंटर में दिन-दिन भर भागते हैं, निशा मिश्रा ने यह सफलता स्वयं के अध्ययन से हासिल की। दिल्ली के स्कूल में पढ़ाने के बाद खुद हर विषय की तैयारी की। चयन के बाद पहली पो¨स्टग बरेली नगर निगम में मिली। कुछ महीने पहले ही पीलीभीत नगर पालिका परिषद में ईओ का दायित्व मिला। उन्हें आगे बढ़ने का हौसला मां ने बढ़ाया। पति वीर विक्रम सिंह बरेली में सहकारिता विभाग में सहायक निबंधक हैं।
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