New Motor Vehicle Act : गाड़ी का मॉडिफिकेशन कराने से पहले जाने ये नियम, कहीं बर्बाद न हो जाए आपका पैसा
New Motor Vehicle Act नए मोटर व्हीकल एक्ट में वाहनों के मॉडिफिकेशन कराने पर रजिस्ट्रेशन रद करने का प्रावधान है। बावजूद इसके नियमों के पालन में घनघोर लापरवाही के चलते शौकीन लोग धड़ल्ले से वाहनों का मॉडिफिकेशन करा रहे हैं।

बरेली, जेएनएन। New Motor Vehicle Act : नए मोटर व्हीकल एक्ट में वाहनों के मॉडिफिकेशन कराने पर रजिस्ट्रेशन रद करने का प्रावधान है। बावजूद इसके नियमों के पालन में घनघोर लापरवाही के चलते शौकीन लोग धड़ल्ले से वाहनों का मॉडिफिकेशन करा रहे हैं। दैनिक जागरण की पड़ताल में यह सच उजागर हुआ है।
शहर में अनाथालय रोड पर दो पहिया वाहनों में मॉडिफिकेशन के शौकीन जुटते हैं। चार पहिया वाहनों के शौकीन हिंदू टाकीज के पीछे रामपुर गार्डेन की ओर जाने वाली रोड पर जुटते हैं। वह हजारों-लाखों रुपये खर्च कर वाहनों का मॉडिफिकेशन कराते हैं। प्रतिबंध के बावजूद कार्रवाई न होने से यह कार्य बे-रोकटोक जारी है। इसके लिए वाहन मालिक पहले अपनी डिमांड बताता है कि उसे किस तरह गाड़ी का मॉडिफिकेशन कराना है। इसके बाद दिल्ली से वह सामान विशेष आर्डर पर मंगाया जाता है। इसके लिए लोग एडवांस भी देने को तैयार हैं।
ये होते हैं मॉडिफाइड वाहन
परिवहन मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार, कंपनियां वाहन का निर्माण तय मानक पर कराती हैं। पेट्रोल व डीजल के सिस्टम को सीएनजी में बदलने को छोड़ दिया जाए तो वाहन में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। टूट-फूट होने व खराब होने पर ठीक कराया जा सकता है। अगर कोई बदलाव किया जाता है तो यह मॉडिफाइड की श्रेणी में आता है। इसमें वाहन को सीज करने की कार्रवाई का प्रावधान है। इसके अलावा पंजीयन नियम में बदलाव करने व फिटनेस के उल्लंघन करने के नियम के तहत पांच हजार रुपये का जुर्माना वसूलने का प्रावधान है।
चार पहिया वाहनों में स्पोर्टी लुक पर शौकीनों का जोर
चार पहिया वाहनों का मॉडिफिकेशन कराकर शौकीन लोग कार को स्पोर्टी लुक देने के लिए आतुर रहते हैं। इस कारोबार से जुड़े एक जानकार बताते हैं कि चार पहिया वाहनों के शौकीन अंदर साउंड सिस्टम के साथ विभिन्न प्रकार के स्टीकर लगवाने पर ज्यादा फोकस करते हैं।
बुलेट के मॉडिफिकेशन का है युवाओं में क्रेज
दो पहिया वाहनों में मॉडिफिकेशन का सर्वाधिक क्रेज बुलेट को लेकर है। इसमें साइलेंसर के साथ टंकी व बैक लुक का मॉडिफिकेशन शौकीन लोग कराते हैं। वाहन कारोबार से जुड़े एक शख्स बताते हैं कि बुलेट के शौकीन मॉडिफिकेशन में एक-एक लाख रुपये तक खर्च कर देते हैं। सामान्यत: मॉडिफिकेशन में 30 से 35 हजार रुपये का खर्च आता है। बुलेट के साथ अन्य बाइकों मेंं हेडलाइट व बैक के मॉडिफिकेशन पर जोर रहता है।
नहीं हुई एक भी कार्रवाई
मॉडिफाइड वाहनों पर कार्रवाई को लेकर जिम्मेदार कतई गंभीर नहीं है। इसी का नतीजा है कि वाहनों का मॉडिफिकेशन धड़ल्ले से जारी है। इस दिशा में परिवहन विभाग द्वारा एक भी कार्रवाई नहीं की गई है।
यह है नियम
मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 52(1) के तहत वाहनों का मॉडिफिकेशन कराने पर उसका रजिस्ट्रेशन रद करने के साथ ही पांच हजार रुपये जुर्माने का भी प्रावधान है।
वाहनों का मॉडिफिकेशन कराना पूर्णतया गलत है। इसमें सीधे वाहन के रजिस्ट्रेशन रद करने की कार्रवाई की जाती है। जुर्माना भी वसूला जाता है।- आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन
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