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    सिर्फ पांच रुपये फीस और 45 दिन में नामांतरण

    By Edited By: Updated: Wed, 05 Feb 2014 01:04 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, बरेली : शहरी सीमा में संपत्ति (भवन-भूखंड) के नामांतरण का काम नगर निगम करता है। इसकी बेहद आसान प्रक्रिया है। बावजूद इसके नामांतरण या फिर नाम परिवर्तन के लिए लोग भटकते हैं। जनहित गारंटी अधिनियम 2011 के अंतर्गत यह सुविधा जनता को देने के लिए नगर निगम जिम्मेदार है। सिर्फ पांच रुपये की फीस देकर अधिकतम 45 दिन के समय में नाम परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए। तीस दिन का समय आपत्तियों के निस्तारण के लिए विभाग मांगता है।

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    उत्तराधिकारी के नाम संपत्ति परिवर्तन

    किसी भी संपत्ति में नाम परिवर्तन के लिए उसके उत्तराधिकारी को सादे कागज पर प्रार्थना पत्र लिखकर नगर निगम के टैक्स विभाग में जमा करना होता है। इस प्रार्थना पत्र के साथ अपने वारिस होने का साक्ष्य और एक शपथ पत्र भी देना अनिवार्य है। सादे कागज के आवेदन जमा करने के साथ ही पांच रुपये शुल्क भी विभाग में जमा होता है। कागजों की जांच के बाद विभाग 213 (अनापत्ति के लिए) नोटिस जारी करता है। यह नोटिस पूर्व संपत्ति स्वामी, मौजूदा स्वामी, आवेदक और मकान पर भी चस्पा किया जाता है। आपत्ति के लिए 30 दिन का समय मांगते हैं। कोई आपत्ति नहीं आई तो 45 दिनों के बाद अभिलेखों में आवेदक का नाम दर्ज हो जाता है।

    बेची गई संपत्ति पर साक्ष्य अहम

    संपत्ति एक व्यक्ति से दूसरे को बेचने की स्थिति में भी म्यूटेशन की प्रक्रिया पहले की भांति है। इसमें खरीदार सादे कागज पर ही आवेदन करता है। आवेदन के साथ संपत्ति की रजिस्ट्री के कागजात, शपथ पत्र और फीस टैक्स विभाग में जमा की जाती है। उसके बाद 213 के नोटिस जारी करता है। नोटिस बेचने वाले, खरीदने वाले और संपत्ति पर चस्पा किए जाते हैं। आपत्ति के लिए तीस दिन दिए जाते हैं। आवेदन से 45 दिन के अंदर अभिलेखों में आवेदक का नाम दर्ज कर दिया जाता है। आवेदक चाहे तो उसे इसकी प्रति भी दे दी जाती है।

    नो ड्यूज के नाम पर लटकते हैं मामले

    अमूमन नगर निगम टैक्स की वसूली के बारे में अधिक तत्पर रहता है। इस कारण नामांतरण से पहले बकाया जमा करा लिया जाता है। यह नगर निगम के अधिनियम में भी है। कई बार बकाया जमा नहीं होने के कारण ही नामांतरण के मामले लटके रहते हैं।

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    नगर निगम में संपत्ति का म्यूटेशन मात्र पांच रुपये शुल्क देकर होता है। विभाग आपत्तियों के निस्तारण के लिए 30 दिन का समय देता है। पूरी प्रक्रिया में 45 दिन के अंदर नाम परिवर्तन कर दिया जाता है।

    -विनोद कुमार गुप्ता, उप नगर आयुक्त

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