Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sumit Gupta Murder Case : कहीं राज न बन जाए गल्ला कारोबारी की हत्या, टूटा निकला थाने का कैमरा

    By Ravi MishraEdited By:
    Updated: Thu, 07 Apr 2022 08:30 AM (IST)

    Sumit Gupta Murder Case Inside Story बदायूं में थाने के सामने हुई गल्ला कारोबारी सुमित गुप्ता की हत्या कहीं राज न बन जाए।क्योंकि थाने पर लगा सीसीटीवी कैमरा जहां टूटा मिला वहीं आस पास के कैमरों में भी कुछ रिकार्ड नहीं हुआ।

    Hero Image
    कहीं राज न बन जाए गल्ला कारोबारी सुमित गुप्ता की हत्या, टूटा निकला थाने का कैमरा

    बरेली, अंकित गुप्ता। Sumit Gupta Murder Case Inside Story : चलो मान भी लिया जाए कि थाने के सामने सुमित गुप्ता ने तमंचा बैग से निकाला और उल्टे हाथ से कनपटी पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली। लेकिन इसे साबित करने के लिए साक्ष्यों की जरूरत भी तो पड़ेगी। थाने के गेट पर लगा सीसीटीवी कैमरा टूटा पड़ा था और गेट पर कोई पहरा या संतरी भी नहीं था। थाने के आसपास के लोगों ने मौन धारण कर रखा है। वहीं स्वजन पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में निष्पक्ष विवेचना की परिकल्पना कैसे की जा सकती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पुलिस के अधिकारी हों या थाने का कोई सिपाही हर कोई आमजन और व्यापारियों को सीसीटीवी लगवाने और उन्हें ठीक रखने की सलाह देते हैं। लेकिन अलापुर थाने के सामने हुई घटना ने पुलिस की ही सतर्कता की पोल खोल दी। यहां गेट पर लगा सीसीटीवी कैमरा टूटा पड़ा था और थाना प्रभारी निरीक्षक इसे बंदरों की करतूत बता रहे थे। लेकिन थाने के सामने हुई घटना के साक्ष्यों के लिए भी पुलिस को भटकना या दूसरे का सहारा लेना पड़े तो यह बात समझ से परे ही लगती है।

    यह घटना ताे यह भी बताती है कि अपराधी हो या कोई आमजन किसी में पुलिस का खौफ नहीं है, यही वजह तो रही होगी कि थाने के सामने गोली चलाने की हिम्मत खुद को गोली मारने वाले में थी या उसे गोली मारने वाले में। इस घटना ने पुलिस पर कई आरोप तो लगाए ही है, साथ ही उनकी कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए हैं। कहा तो यह भी जा रहा था कि जिस थैले में तमंचा था उसमें पांच लाख रुपये भी रखे थे। अगर थे तो कहां गए।

    तो क्या पूरी तैयारी के साथ आया था सुमित

    पुलिस की बात मान ली जाए तो क्या यह माना जाए कि सुमित बदायूं से ही पूरी तैयारी के साथ आया था। उसके पास एक तमंचा था, लेकिन कारतूस चार थे। कहीं ऐसा तो नहीं कि वह खुद की जगह कुछ और इरादे से आया था। इसीलिए उसके पास चार कारतूस थे। हालांकि वह एक हत्या करवा चुका था, इसके चलते जिन पर उसकी हत्या का आरोप लगा है, उनमें भी उसका खौफ था। वह भी आशंकित थे कि कहीं रुपये के लेनदेन के चलते वह उनकी हत्या न करा दे। हालांकि यह सारी बातें सुमित की मौत के बाद खत्म हो जाती हैं।

    जुए और सट्टे का बड़ा अड्डा है अलापुर

    जिले में जुए और सट्टे का कारोबार खूब फलफूल रहा है। इसका सबसे बड़ा क्षेत्र अलापुर ही बताया जाता है। बताते हैं कि सुमित की मौत का आरोपित जिन्हें बनाया गया है, उनमें से कई लोग राजनीतिक आड़ लेकर इस धंधे को अलापुर में फलने फूलने में पानी देने का काम रहे हैं। सुमित के स्वजन ने आरोपित पिंटू नेता पर अवैध धंधों में शामिल होने का भी आरोप लगाया है।